जम्मू-कश्मीर पर अमित शाह का 'भूल सुधार'
नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 के हटाने के निर्णय को ऐतिहासिक भूल सुधारने का कदम बताया है और कहा है कि इससे देश की एकता एवं अखंडता का माहौल समृद्ध होगा और पांच साल में वहां की तस्वीर बदल जाएगी।
शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कुछ सदस्य अनुच्छेद 370 हटाने को ऐतिहासिक भूल करार दे रहे हैं, लेकिन उन्हें यह विश्वास रखना चाहिए कि यह ऐतिहासिक भूल सुधारने का काम हो रहा है। इस अनुच्छेद के कारण वहां आतंकवाद और अलगावाद पनप रहा है और पाकिस्तान इसको पोषित करने का काम कर रहा है।
गृहमंत्री के जवाब के बाद सदन ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए पेश संकल्प को 72 के मुकाबले 351 मतों से पारित कर दिया गया। इसी तरह से जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को भी सदन ने मत विभाजन से पारित किया। विधेयक के पक्ष में 370 तथा विरोध में 70 मत पड़े।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में सरकार ने जो निर्णय लिया है और यह सदन जिस ऐतिहासिक मुद्दे पर चर्चा कर रहा है, उसके कारण जम्मू-कश्मीर की बदली तस्वीर पांच साल में सबके सामने दिखने लगेगी।
शाह ने सवाल किया कि देश में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए ही क्यों कहा जाता है कि यह हमारा अभिन्न अंग है। अन्य राज्यों के बारे में कभी कोई ऐसा नहीं कहता है। शाह ने कहा कि इसी अवधारणा को मिटाने के लिए सरकार यह विधेयक लाई है और अब संसद में जो कानून बनेगा उसका फायदा जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी मिलेगा।
अनुच्छेद 370 की तरह अनुच्छेद 371 और 373 को हटाए जाने के बारे में सदस्यों के सवालों पर गृहमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि इन दोनों अनुच्छेदों को हटाया नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि 370 देश को तोड़ता है और पाकिस्तान के इरादों का पोषण करता है, इसलिए इस अनुच्छेद को हटाया जा रहा है, जबकि 371 देश के अन्य कई राज्यों के हितों का पोषण करता है और उनके नागरिकों को सहूलियत देता है इसलिए इन्हें हटाया नहीं जाएगा।
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1989 से अब तक 41 हजार से ज्यादा लोग आतंकवाद की घटनाओं में मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि इस अनुच्छेद के कारण वहां आतंकवाद पनपता है। इस अनुच्छेद में बहुत कमियां हैं, इसलिए दो बार इसमें संशोधन भी हुआ है, लेकिन इससे जम्मू-कश्मीर को नुकसान ही हुआ है, इसलिए आज इस समस्या को जड़ से ही खत्म किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी के लोग हमारा हिस्सा हैं। उनकी जो भी समस्या होगी, उस पर चर्चा की जाएगी और उनसे समय-समय पर बात करके उनकी समस्या को सुना जाएगा। उनसे चर्चा की जाएगी, लेकिन जो लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए खड़े होते हैं, उनसे कोई बात नहीं होगी।