धारा 370 से आजादी, लोकसभा में भी पास हुआ बिल
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाली धारा 370 को हटाने का बिल लोकसभा में भी पास हो गया। सोमवार को यह बिल राज्यसभा में 61 के मुकाबले 125 मतों से पारित हो गया था।
लोकसभा में हुई वोटिंग में बिल के समर्थन में 351 वोट पड़े, जबकि विरोध 72 वोट पड़े। एक सांसद अनुपस्थित रहा। संसद में बिल पास होने के बाद अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह धारा पूरी तरह हट जाएगी।
वोटिंग के दौरान समाजवादी पार्टी ने वॉकआउट किया। संसद में बिल पास होने के बाद अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह धारा पूरी तरह हट जाएगी।
इसके बाद आरक्षण बिल के समर्थन में 367 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 67 वोट पड़े। इस दौरान भी एक सदस्य अनुपस्थित रहा। दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ ज्योतिरादित्य ने ट्वीट कर इस बिल का समर्थन किया है।
गृह मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि स्थिति सामान्य होते ही जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने में इस सरकार को कोई परेशानी नहीं है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद भारत के संविधान के प्रावधान पूरे जम्मू कश्मीर पर लागू होंगे। इस तरह 35ए भी निष्प्रभावी हो गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 (1-बी) का उपयोग करते हुए कल एक संवैधानिक आदेश जारी किया है। जिसमें भारत के संविधान के सारे अनुबंध जम्मू कश्मीर के संविधान में लागू होंगे।
इससे पहले राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दी थी।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के भाग 2 एवं 3 में कहा गया है कि इसके तहत एक नए संघ शासित क्षेत्र लद्दाख का सृजन होगा। प्रस्तावित संघ शासित क्षेत्र लद्दाख बिना विधायिका के होगा। इसके तहत एक अन्य संघ शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर सृजित होगा जिसमें विधायिका होगी।
लद्दाख में कारगिल और लेह जिले शामिल होंगे। वहीं, प्रस्तावित संघ शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर में धारा 3 के तहत आने वाले क्षेत्र को छोड़कर (यानी प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को छोड़कर) मौजूदा जम्मू कश्मीर राज्य के क्षेत्र शामिल होंगे।
प्रस्तावित जम्मू कश्मीर संघ शासित क्षेत्र को लोकसभा की पांच सीटें और लद्दाख क्षेत्र को एक सीट आवंटित की जायेगी।