शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Amit Shah BJP president
Written By विकास सिंह
Last Modified: शनिवार, 1 जून 2019 (11:15 IST)

अमित शाह के ‘साम्राज्य’ को बनाए रखना ही भाजपा के नए अध्यक्ष की होगी सबसे बड़ी चुनौती?

अमित शाह के ‘साम्राज्य’ को बनाए रखना ही भाजपा के नए अध्यक्ष की होगी सबसे बड़ी चुनौती? - Amit Shah BJP president
भोपाल। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अब मोदी सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री बनने के बाद सवाल उठ खड़ा हुआ है कि पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? अमित शाह जो जुलाई 2014 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे लगातार दो कार्यकाल से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभाल रहे हैं। अगर अमित शाह के बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकाल की बात करें तो उनकी गिनती पार्टी के सबसे सफल राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में होगी।
 
शाह के नेतृत्व में ही भाजपा ने पहले रिकॉर्ड संख्या में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के बाद तमाम कयास और अटकलों को झूठा बताते हुए लोकसभा में 300 का आंकड़ा भी पार कर लिया। अब जब शाह देश के गृहमंत्री बन चुके है तो पार्टी में उनका स्थान कौन लेगा इसको लेकर सियासी गालियारों में अटकलों का बाजार गरम है।
 
इस बारे भाजपा संगठन की राजनीति को बहुत से करीबी से देखने वाले और वरिष्ठ पत्रकार गिरिजाशंकर कहते हैं कि शाह लगातार दो बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके थे और पार्टी संविधान के मुताबिक एक व्यक्ति दो बार से अधिक अध्यक्ष नहीं बन सकता है ऐसी स्थिति में उनको इस बार पद छोड़ना पड़ता।
 
ऐसी स्थिति में दो ही विकल्प थे कि या तो पार्टी अपने संविधान में संशोधन कर उनको फिर से अध्यक्ष बनाए या फिर मोदी कैबिनेट में मंत्री बना दें।
 
गिरिजाशंकर कहते हैं कि अमित शाह अब सरकार में एक तरह से डिप्टी प्राइम मिनिस्टर की भूमिका में होंगे जैसे अटल सरकार के समय आडवाणी थे। वहीं पार्टी में अमित शाह की जगह कौन लेगा के सवाल पर गिरिजाशंकर कहते हैं कि शाह का उत्तराधिकारी कौन होगा ये बहुत मुश्किल है, क्योंकि राजनीति में बड़े नेताओं के बाद ये सवाल हमेशा खड़ा होता आया है कि उनका उत्तराधिकारी कौन बनेगा, जैसे नेहरू के बाद हू ऑफ्टर नेहरू और इंदिरा गांधी बाद हू ऑफ्टर इंदिरा का सवाल खड़ा हुआ था। ऐसे ही इस समय भाजपा में सवाल खड़ा हुआ हैं कि हू ऑफ्टर अमित शाह और इस सवाल का जवाब केवल वक्त देगा।
 
गिरिजाशंकर कहते हैं कि ये तो तय है कि कोई न कोई शाह का उत्तराधिकारी बनेगा लेकिन उसमें कितना सफल होगा ये देखना होगा। वहीं नए अध्यक्ष की चुनौतियों के सवाल पर गिरिजाशंकर कहते हैं कि अमित शाह ने अध्यक्ष के तौर पर पार्टी का जो बड़ा स्ट्रक्चर खड़ा किया उसको बचाए रखना ही नए अध्यक्ष के लिए बड़ी चुनौती होगी उसको आगे बढ़ाना तो बात की बात होगी।
 
जेपी नड्डा हो सकते हैं शाह के उत्तराधिकारी – भाजपा अध्यक्ष बनने की रेस में सबसे आगे नाम जिसका है वो नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा का है। नड्डा को संगठन पर अच्छी पकड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का विश्वस्त होने के चलते नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जेपी नड्डा अमित शाह की टीम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
 
वहीं जेपी नड्डा के अध्यक्ष बनने के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार गिरिजाशंकर कहते हैं कि जिस प्रकार की मीडिया में चर्चा है और नड्डा को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया तो उसके बाद इसकी पूरी संभावना है कि उनको पार्टी का नया अध्यक्ष बनाए जाए, लेकिन वो आगे जोड़ते हैं कि सिर्फ अटकलें है अटकलें सहीं साबित हो ये कोई तय नहीं है।
 
गिरिजाशंकर कहते हैं कि इतना तो तय है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पंसद से ही नया अध्यक्ष होगा न कि संघ की पंसद का  इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजों ने अब ये तय कर दिया है कि  भाजपा में आने वाले फैसले मोदी और शाह की मर्जी से होंगे न कि संघ के दखल से। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि जो भी नया अध्यक्ष होगा वो यस मैन की भूमिका में नजर आए और पीछे से पूरा कंट्रोल अमित शाह का रहें।
ये भी पढ़ें
येदियुरप्पा से बोले भाजपा नेता, कर्नाटक सरकार को अस्थिर न किया जाए