मंगलवार, 2 जुलाई 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. After BJP's victory, there is a tussle over post of Chief Minister in 3 states
Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Modified: मंगलवार, 5 दिसंबर 2023 (19:40 IST)

भाजपा की जीत के बाद 3 राज्यों में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान

Assembly Election
Assembly Election Results 2023: मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। अब पांचों राज्यों के लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा। मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को बहुमत मिला है, जबकि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। मिजोरम में तो 5 साल पहले गठित जेडपीएम यानी जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी ने 27 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया है। 
 
सत्ता संत को मिलेगी या 'महारानी' को : मुख्‍यमंत्री पद को लेकर सबसे ज्यादा कश्मकश राजस्थान में दिखाई दे रही है, जहां भाजपा ने 115 सीटें जीती हैं। यहां पूर्व मुख्‍यमंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे ने खुद को बड़े दावेदार के रूप में पेश किया है। 
 
बताया जा रहा है कि चुनाव जीतने के बाद वसुंधरा भाजपा के 60 से ज्यादा विधायकों से मुलाकात कर चुकी हैं। 20 से ज्यादा विधायक तो सोमवार को वसुंधरा की चाय पार्टी में ही पहुंचे थे। विधायकों से ‍मुलाकात के माध्यम से वसुंधरा ने हाईकमान को कहीं न कहीं यह संकेत देने की कोशिश की है कि उन्हें किसी भी सूरत में अनदेखा नहीं किया जा सकता। खास बात यह है नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ और सतीश पूनिया चुनाव हार चुके हैं, जो कि वसुंधरा की राह में रोड़ा बन सकते थे। 
 
दूसरी ओर, यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर राजस्थान में तिजारा सीट से विधायक बने बाबा बालकनाथ को मुख्‍यमंत्री बनाने की मांग भी उठ रही है। शीतकालीन सत्र के चलते बालकनाथ अभी दिल्ली में हैं और वहां उन्होंने प्रमुख नेताओं से भी मुलाकात की है। ऐसे में सीएम पद के लिए मुख्‍य मुकाबला वसुंधरा और बालकनाथ के बीच दिखाई दे रहा है। यदि इस मुकाबले में कोई नेता बढ़त नहीं बना पाता है तो मोदी-शाह की पसंद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी मुख्‍यमंत्री बनाया जा सकता है। इनके अलावा गजेन्द्रसिंह शेखावत, दीया कुमारी, अर्जुन राम मेघवाल का नाम भी मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में शामिल है।
 
क्या मप्र में लौटेगा 'शिव'राज : मध्य प्रदेश में भाजपा को मिली बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वाभाविक रूप से मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार बनकर उभरे हैं। भले ही शिवराज घोषित तौर पर चुनाव में पार्टी का मुख्‍यमंत्री पद का चेहरा नहीं थे, लेकिन मध्य प्रदेश के मतदाताओं के बीच जो सबसे ज्यादा चेहरा सामने आया, वह शिवराज सिंह का ही था।
 
भले ही चौहान को हाईकमान की पसंद नहीं माना जाता हो, लेकिन उन्हें आसानी ने इगनोर भी नहीं किया जा सकता। सबसे अहम बात यह है कि वे ओबीसी चेहरा भी हैं। हालांकि शिवराज ने कहा है- न तो मैं पहले मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार था और न ही अब हूं। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाऊंगा। मैं केवल पार्टी का कार्यकर्ता हूं। 
यदि दिल्ली की पसंद से मुख्‍यमंत्री बनाया गया तो ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे आगे रह सकता है। क्योंकि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‍डा का ग्वालियर महल जाना इसी ओर संकेत करता है। प्रह्लाद पटेल, नरेन्द्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय भी मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। 
 
छत्तीसगढ़ में भी कई दावेदार : छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह छत्तीसगढ़ में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा हैं। ऐसे में उन्हें एक बार फिर मुख्‍यमंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, ओपी चौधरी, रामविचार नेताम भी दौड़ में शामिल हैं। दूसरी, ओर लता उसेंडी और केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह का दावा भी मजबूत है। दोनों ही महिला होने के साथ ही आदिवासी वर्ग से आती हैं। यदि इन दोनों में से कोई मुख्‍यमंत्री बनता है तो न सिर्फ राज्य को पहली महिला मुख्‍यमंत्री मिलेगी,  बल्कि वह आदिवासी चेहरा भी होगी। इन दोनों में से किसी एक के मुख्‍यमंत्री बनने की प्रबल संभावना है। 
 
तेलंगाना में रेवंत रेड्‍डी का नाम तय : तेलंगाना में तो मुख्‍यमंत्री का नाम भी फाइनल हो गया है। कांग्रेस के रेवंत रेड्‍डी 7 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं मिजोरम में जेडपीएम के लालदुहोमा मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं। ‍पांच राज्यों में सबसे बड़ी चौंकाने वाली जीत जेडपीएम की ही मानी जा रही है। क्योंकि 5 साल पहले ही इस पार्टी का गठन हुआ था और यह पार्टी सत्ता के शिखर तक पहुंच गई। इसके मुखिया लालदुहोमा पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले एमएनएफ के जोरमथांगा और कांग्रेस के ललथनहवला ही लंबे समय से मुख्‍यमंत्री बनते आ रहे हैं। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 
ये भी पढ़ें
7.76 करोड़ ने दाखिल किया ITR, 10 करोड़ के पार पहुंची टैक्स भरने वालों की संख्या