8 राष्ट्रीय दलों ने घोषित की 1374 करोड़ रुपए की आय, ADR ने जारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली। आठ राष्ट्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 1373.78 करोड़ रुपए की आय घोषित की है, जिसमें भाजपा की हिस्सेदारी लगभग 55 प्रतिशत है। भाजपा ने राष्ट्रीय दलों के बीच सबसे अधिक आय वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 752.33 करोड़ रुपए दिखाई है।
चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन एडीआर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त आठ राष्ट्रीय दल हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एक बयान में कहा कि आठ राष्ट्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2020-21 में पूरे भारत से एकत्रित 1,373.78 करोड़ रुपए की कुल आय घोषित की है। निर्वाचन आयोग के समक्ष राजनीतिक दलों द्वारा प्रस्तुत विवरण का हवाला देते हुए एडीआर ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्रीय दलों के बीच सबसे अधिक आय वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 752.33 करोड़ रुपए दिखाई है।
एडीआर ने कहा कि यह वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आठ राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 54.76 प्रतिशत है।बयान में कहा गया कि दूसरे स्थान पर कांग्रेस रही जिसने 285.76 करोड़ रुपए की आय घोषित की, जो राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 20.801 प्रतिशत है।
वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के बीच, भाजपा की आय 79.24 प्रतिशत घटकर 3,623.28 करोड़ रुपए से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 752.33 करोड़ रुपए हो गई। कांग्रेस की आय वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 682.21 करोड़ रुपए से 58.11 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 285.76 करोड़ रुपए हो गई।
एडीआर के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के बीच तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, बसपा, भाकपा और एनपीपी की आय में क्रमश: 48.20 प्रतिशत, 59.19 प्रतिशत, 9.94 प्रतिशत, 67.65 प्रतिशत और 62.91 प्रतिशत की कमी आई। भाजपा का सबसे अधिक खर्च चुनाव और सामान्य प्रचार के लिए 421.01 करोड़ रुपए हुआ, इसके बाद प्रशासनिक मद में 145.68 करोड़ रुपए का खर्च हुआ।
कांग्रेस ने चुनाव पर 91.35 करोड़ रुपए और उसके बाद संगठन के कामकाज पर 88.43 करोड़ रुपए खर्च किए गए। तृणमूल कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 90.41 करोड़ रुपए चुनावी खर्च पर, उसके बाद 3.96 करोड़ रुपए प्रशासनिक और अन्य कार्यों पर खर्च किए।(भाषा)