197 हेलिकॉप्टरों की खरीद का निर्णय टला
नई दिल्ली। निविदा प्रक्रिया से विचलन के आरोपों के बीच 197 हल्के हेलिकॉप्टरों की खरीद के फैसले को बुधवार को टाल दिया गया। यह कदम इतालवी कंपनी अगस्टा वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद में रिश्वतखोरी का मामला सामने आने की पृष्ठभूमि में उठाया गया है।सूत्रों ने बताया कि रक्षामंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता वाली रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने 1.5 अरब डॉलर (तकरीबन 8000 करोड़ रुपए) की अनुमानित लागत से सेना और वायुसेना के लिए हल्के हेलिकॉप्टरों की खरीद के प्रस्ताव पर विचार किया जाना था, लेकिन इस मुद्दे पर विचार नहीं किया।सूत्रों ने दावा किया कि इस मुद्दे पर डीएसी ने विचार नहीं किया, क्योंकि सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह जापान की यात्रा पर हैं। हल्के हेलिकॉप्टरों की खरीद का प्रस्ताव उन आरोपों के बाद जांच के घेरे में आ गया, जिसमें कहा गया कि दो विक्रेताओं यूरोपियन यूरोकॉप्टर और रूसी कामोव ने अनुरोध प्रस्ताव की शर्तों का पालन नहीं किया।डीएसी को विशेष तकनीकी पर्यवेक्षण समिति की रिपोर्ट पर विचार करना था, जिसने दो विक्रेताओं में से एक द्वारा अनुरोध प्रस्ताव की शर्तों का पालन नहीं किए जाने की जांच की थी।अगस्टा वेस्टलैंड ने मुख्य रूप से आरोप लगाया था कि विक्रेताओं में से एक ने बबल बल्ज को जोड़कर अपने हेलिकॉप्टर के ढांचे में बदलाव किया है। बबल बल्ज को स्ट्रेचर पर घायल सैनिकों को ले जाने के लिए जोड़ा गया है। प्रतिस्पर्धा में शामिल रूसी हेलिकॉप्टर के इंजन के प्रमाणित नहीं होने के भी आरोप हैं।साल 2008 में आमंत्रित की गई निविदा में यूरोकॉप्टर के एएस 350 फेनेक और रूसी कामोव के 226 ‘सर्गेई’ को चयनित सूची में रखा गया था जबकि शर्तों को पूरा नहीं कर पाने के कारण अगस्ता वेस्टलैंड को शुरुआती दौर में ही बाहर कर दिया गया था। हाल ही में इटली में ये आरोप सामने आए थे कि अगस्ता वेस्टलैंड से हल्के हेलिकॉप्टरों के परीक्षण की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने रिश्वत मांगी थी।इस फैसले को अगस्टा वेस्टलैंड से भारतीय वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद में घोटाले की बात सामने आने के बाद टाला गया है। अगस्टा वेस्टलैंड पर आरोप हैं कि उसने 3600 करोड़ रुपए का अनुबंध हासिल करने के लिए दलाली के तौर पर तकरीबन 352 करोड़ रुपए दिए।197
हल्के हेलिकॉप्टर पुराने पड़ चुके चेतक और चीता हेलिकॉप्टरों की जगह लेंगे। ये दोनों हेलिकॉप्टर सियाचिन ग्लेशियर और अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को रसद की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले भी, एक निविदा को 2007 में रद्द कर दिया गया था जब यूरोकॉप्टर के साथ बातचीत अंतिम चरण में थी। (भाषा)