इजराइल- फिलिस्तीन में पिछले करीब 27 दिनों से जंग चल रही है, इनमें अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन अगर इन मौतों की भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों से तुलना की जाए तो जानकर हैरानी होगी यहां सड़क हादसों में ज्यादा लोगों की मौत हो रही है।
जी, हां। भारत में हर घंटे सड़क हादसे में 19 मौतें हो रही है। जाहिर है यह आंकड़े युद्ध में होने वाली रोज के मौत के आंकड़े से ज्यादा ही है। दुखद बात है कि इन मौतों की वजह तेज रफ्तार यानी ओवर स्पीडिंग है। यह हम नहीं, बल्कि ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में सामने आया है।
2022 : बगैर हेलमेट 67 हजार बाइकसवारों की मौत
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 में बाइक दुर्घटनाओं में
67 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। दुखद है कि मरने वालों ने हेलमेट नहीं पहना था और यही उनकी मौत की वजह बना। इनमें सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले भी शामिल है। इनमें से 35,692 (71.3%) व्यक्ति वाहन के ड्राइवर थे और 14,337 (28.7%) यात्री थे।
हादसों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी
देश में सड़क हादसों की संख्या में पिछले साल की तुलना में लगभग 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। ये आंकड़े न सिर्फ हैरान करते हैं बल्कि चिंता बढ़ाने वाले हैं। इसमें सबसे ज्यादा दुखद बात यह है कि मरने वाले अपने ओवर स्पीडिंग यानी तेज रफ्तार से चल रहे थे। यही सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह बन रहा। बता दें कि पिछले साल यानी 2022 में कुल 4,61,312 सड़क हादसे दर्ज किए गए जो 2021 के 4,12,432 से 11.9 फीसदी ज्यादा थे।
(ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के आंकड़े के मुताबिक)
एक लाख से ज्यादा लोगों की हुई मौत
पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में 1,68,491 लोगों की मौत हुई और 4,43,366 लोग घायल हुए। 2021 की तुलना में अगर मौतों की बात करें तो 9.4 फीसदी ज्यादा रहे, जबकि घायल होने वालों की संख्या में यह 15.3 फीसदी ज्यादा रहा।
ये थी हादसों में मौत की वजहें
इन सड़क हादसों के पीछे की वजह की बात करें तो 2022 में हादसों के पीछे कई वजहें शामिल थीं। जिनमें ओवर स्पीडिंग, (तेज रफ्तार), लापरवाही से गाड़ी चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना और यातायात नियमों का उल्लंघन वजहें सामने आईं।
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ओवर स्पीडिंग, (तेज रफ्तार)
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लापरवाही से गाड़ी चलाना
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शराब पीकर गाड़ी चलाना
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यातायात नियमों का उल्लंघन करना
ओवर स्पीडिंग से 71 फीसदी से ज्यादा मौतें
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में यातायात नियम उल्लंघन की श्रेणी के तहत, तेज गति से गाड़ी चलाना की वजह से (71.2 प्रतिशत) सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। जबकि गलत साइड पर गाड़ी चलाने (5.4%) लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि के दौरान शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण 10 हजार से अधिक दुर्घटनाएं हुईं। लाल बत्ती जंप करने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में भी तेज वृद्धि दर्ज की गई -2021 में 2,203 से 2022 में 4,021 हो गई, जो कि वर्ष के दौरान 82.55% की बढ़ोतरी है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में बाइक दुर्घटनाओं में 50,000 से अधिक लोग मारे गए और उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। 2022 के दौरान, कुल 50,029 लोग मारे गए जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था, जिनमें से 35,692 (71.3%) व्यक्ति ड्राइवर थे और 14,337 (28.7%) यात्री थे। पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले 16,715 लोगों की मौत हो गई। इसमें 8,384 ड्राइवर और 8,331 यात्री शामिल हैं।
भारत के सबसे खतरनाक शहर
खास बात है कि हादसों के लिहाज से सबसे खतरनाक शहरों की सूची भी सामने आई है। जिनमें दिल्ली, बेंगलुरु, जयपुर, कानपुर और इंदौर शामिल हैं। साल 2022 में दिल्ली में 1461 हादसे हुए, बेंगलुरु में 772, जयपुर में 765, कानपुर में 640 और इंदौर में 639 हादसे हुए।
यूपी और तमिलनाडु में कितनी मौत
राज्यों में लगातार पांचवें साल सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट में यूपी सबसे ऊपर है। यहां पिछले साल 22,595 लोगों की दुर्घटना से मौत हो गई। इसके बाद तमिलनाडु में 17,884 मौतें हुईं। सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में दक्षिणी राज्य 64,105 दुर्घटनाओं के साथ सबसे ऊपर है, इसके बाद मध्य प्रदेश है, जहां 54,432 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं।
हादसों के इस पूरे परिदृश्य को देखें तो ऐसा लगता है कि जितनी मौतें इजराइल- फिलिस्तीन युद्ध में नहीं हो रही हैं, उससे कहीं ज्यादा भारत में हादसों में मरने वालों का ग्राफ है।
Edited By Navin Rangiyal