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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 22 जून 2024 (00:03 IST)

Haj Yatra : भारत के 1.2 लाख लोगों ने की हजयात्रा, एक तिहाई हाजियों की उम्र 60 साल से ज्‍यादा

Haj Yatra
1.2 lakh people from India performed Haj : भारत से इस वर्ष लगभग 1,20,000 लोगों ने हजयात्रा की और चिकित्सकीय देखभाल के लिए 356 चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मी तैनात किए गए। इस वर्ष भारत से लगभग 1,20,000 लोगों ने हजयात्रा की, जिनमें से लगभग 40000 हाजी 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। हज वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा और सबसे स्थाई वार्षिक सामूहिक आयोजन है।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सहयोग से शुक्रवार को यहां 'हज तीर्थयात्रा के लिए चिकित्सा देखभाल व्यवस्था' शीर्षक से एक दस्तावेज जारी किया। इस अवसर पर जेद्दा से भारत के महावाणिज्य दूत मोहम्मद शाहिद आलम (जो डिजिटल तरीके से जुड़़े), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधि और अन्य हितधारक भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हज वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा और सबसे स्थाई वार्षिक सामूहिक आयोजन है। इसमें कहा गया है कि चिकित्सा देखभाल व्यवस्था की जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के आपातकालीन चिकित्सा राहत प्रभाग और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रभाग के पास है।
 
इस अवसर पर चंद्रा ने कहा कि यह दस्तावेज स्वास्थ्य सेवाओं की रूपरेखा प्रस्तुत करता है और यह भी बताता है कि हजयात्री इन सेवाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल दूसरा वर्ष है जब स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई है।
 
उन्होंने कहा, इस अनुभव ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण सीख प्रदान की है। इस वर्ष भारत से लगभग 1,20,000 लोगों ने हज यात्रा की, जिनमें से लगभग 40,000 हाजी 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। उन्होंने कहा, इस साल खराब मौसम को देखते हुए, स्वास्थ्य चुनौतियों के कारण तीर्थयात्रियों के लिए चौबीस घंटे सेवाएं प्रदान करना आवश्यक हो गया था। पिछले अनुभव से सीखते हुए पिछले साल, मुख संबंधी स्वास्थ्य और दंत चिकित्सा सेवाओं को भी जोड़ा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि इस साल लगभग दो लाख ओपीडी आयोजित की गई, साथ ही हजयात्रियों तक चिकित्सा टीमों द्वारा दौरा भी किया गया। चंद्रा ने कहा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की मदद से एक सजीव पोर्टल विकसित किया गया है जो चिकित्सा देखभाल चाहने वाले हजयात्रियों और प्रदान की जा रही सेवाओं पर वास्तविक समय का डेटा और विश्लेषण प्रदान करता है।
 
उन्होंने कहा, हम लगातार निगरानी कर रहे हैं और इससे हमें अपनी सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार करने में मदद मिलेगी, ताकि हम अन्य देशों के लिए अनुकरणीय उत्कृष्टता के प्रतीक बन सकें। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, हमारे नागरिकों की सहायता करना गर्व की बात है, चाहे वे कहीं भी हों। चाहे यूक्रेन से हमारे छात्रों को निकालना हो या कुवैत में आग की घटना में फंसे हमारे लोगों की सहायता करना हो, भारत हमेशा अपने नागरिकों की मदद करने में सबसे आगे रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत ने संकट के समय अन्य देशों के नागरिकों की भी मदद की है जिनमें यूरोपीय देशों के मदद मांगने वाले व्यक्ति शामिल हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) की अतिरिक्त सचिव एलएस चांगसन ने इस तरह के बड़े समागम के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवा योजना के महत्व पर जोर दिया, खासकर सऊदी अरब की जलवायु में।
 
इस बीच जलवायु वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह द्वारा किए गए त्वरित विश्लेषण के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने सऊदी अरब की घातक गर्मी को और बढ़ा दिया जिससे वहां का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया और कम से कम 550 हज यात्रियों की मौत हो गई। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक परिवर्तनशीलता ने संभवतः एक छोटी भूमिका निभाई है।
 
पिछले कुछ हफ्तों में पूर्वी भूमध्य सागर और मध्य पूर्व के बड़े हिस्से में अत्यधिक तापमान का सामना करना पड़ा है। मीडिया की खबरों में कहा गया है कि वार्षिक हजयात्रा के दौरान कम से कम 550 हजयात्रियों की मौत हो गई, मक्का की मस्जिद अल हराम में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। खबरों के अनुसार, मृतकों में 323 मिस्र के, 60 जॉर्डन के, 98 भारतीय और पांच ईरानी शामिल हैं।
यूरोपीय संघ द्वारा वित्तपोषित पहल ‘क्लाइमामीटर’ के विश्लेषकों ने इसे बहुत ही असामान्य घटना बताया। उन्होंने कहा, हम सऊदी अरब की भीषण गर्मी के लिए मानव जनित जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराते हैं, जिसमें प्राकृतिक जलवायु परिवर्तनशीलता की संभवतः एक छोटी भूमिका है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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