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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 19 नवंबर 2009 (12:15 IST)

भारत-कनाडा असैन्य परमाणु करार जल्द

स्टीफन हार्पर
कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने भारत के साथ असैन्य परमाणु समझौता कुछ ही सप्ताह में होने का विश्वास जताते हुए कहा है कि अतीत के पूर्वाग्रहों को इसमें बाधक नहीं बनने दिया जाएगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि कनाडा भारत के साथ असैन्य परमाणु करार करने के लिए उत्सुक है और इस बारे में उनके देश में कुछ विरोध होने के बावजूद परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है।

प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के साथ हार्पर ने मंगलवार को बातचीत की थी। कनाडाई प्रधानमंत्री ने एनडीटीवी को बताया कि हम करार पूरा करने को लेकर चिंतित थे, लेकिन अब भी कुछ काम करना बाकी है।

इस करार को लेकर बाधाओं के बारे में पूछे जाने पर हार्पर ने बताया-मुझे नहीं लगता कि कुछ ऐसा है, जिसे हल नहीं किया जा सकता। मैं और प्रधानमंत्री सिंह अगले कुछ सप्ताह में इस बारे में गहराई से विचार करने के लिए सहमत हैं कि क्या कोई बाधा है और अगर है तो उसे कैसे दूर किया जा सकता है।

क्या हार्पर को तमाम मुद्दों के हल की उम्मीद है। उन्होंने कहा मैं ऐसी उम्मीद करूँगा। हमारी सरकार इस काम को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और भारतीय पक्ष की ओर से भी यही बात है।

अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे देशों ने भारत के साथ परमाणु करारों पर हस्ताक्षर की पहल कर दी है। इस बारे में पूछे जाने पर हार्पर ने कहा कि कनाडा इस अंतराल को दूर करने के लिए चिंतित है।

हार्पर ने कहा कि कनाडा दुनिया में सबसे बड़ा यूरेनियम उत्पादक देश है और कुछ देशों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता रखता है।

भारत में परमाणु प्रतिष्ठानों की, खास कर उग्रवादी हमले के खतरे के संदर्भ में सुरक्षा को लेकर कनाडा में चिंता का जिक्र किए जाने पर हार्पर ने कहा कुछ विरोध तो है, लेकिन उन्होंने इस विरोध को खारिज करते हुए कहा कि यह 1970 के दशक से पहले ही ले जाएगा।

कनाडा के प्रधानमंत्री का तात्पर्य इस बात से था कि 1974 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था, जिसके बाद कनाडा ने उस पर यह आरोप लगाते हुए परमाणु संबंध समाप्त कर लिए थे कि नई दिल्ली ने कनाडा से मिली विखंडनीय सामग्री का इस्तेमाल कर परमाणु बम तैयार किया था।

हार्पर ने कहा भारत को छोड़ कर उभरती दुनिया में कोई सुरक्षित स्थान नहीं है। जैसा आप कह चुके हैं कि हमारे बड़े सहयोगियों ने भारत के साथ परमाणु सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अगर हमारे सहयोगियों के लिए यह अच्छा है तो हमारे लिए भी यह अच्छा है।

हार्पर ने स्पष्ट किया कि वे भारत और कनाडा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण भावी परमाणु सहयोग में अतीत की चिंता और आशंकाओं को बाधक नहीं बनने देंगे।

भारत-कनाडा परमाणु सहयोग के लाभ के बारे में जिक्र कर रहे हार्पर ने कहा कि उनका देश अपूर्व ऊर्जा का स्रोत है, लेकिन उनका बाजार छोटा है, जबकि भारत एक विशाल देश है, उसका बाजार विकसित हो रहा है लेकिन उसके पास ऊर्जा संसाधनों की कमी है।

पिछले दिनों एफबीआई ने भारत में हमला करने का षड्यंत्र रचने के आरोप में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े कनाडा के एक नागरिक तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। इस बारे में हार्पर ने वादा किया कि उनका देश भारत और अमेरिका के साथ गहन सहयोग करेगा। (भाषा)