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Last Modified: शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022 (18:58 IST)

BJP को हराने का PK फॉर्मूला, राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनें, लेकिन...

BJP को हराने का PK फॉर्मूला, राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनें, लेकिन... - प्रशांत किशोर, राहुल गांधी पीएम चेहरा बनें, भाजपा को हराने की रणनीति, नीतीश कुमार, Prashant Kishor, Rahul Gandhi become PM face, strategy to defeat BJP, Nitish Kumar
नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हालिया विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के ‘जी 23’ के कुछ नेताओं के साथ मंथन किया था, जिसमें उनकी राय थी कि अगर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाना है तो फिर गांधी परिवार से इतर किसी व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।
 
किशोर पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं के साथ कई बैठकें कर चुके हैं और पार्टी में नई जान फूंकने के लिए अपनी ओर से कई सुझाव भी दिए हैं, जिन पर सोनिया गांधी द्वारा गठित एक समिति विचार कर रही है।
 
सूत्रों का कहना है कि किशोर ने पिछले कुछ महीनों में गांधी परिवार से इतर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कीं और इन बैठकों का केंद्रबिंदु कांग्रेस को मजबूत करना और अगले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को पराजित करने की रणनीति तैयार करना था। सूत्रों के अनुसार, इसी क्रम में उन्होंने कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े ‘जी 23’ के कुछ नेताओं से भी हाल के महीनों में मुलाकात की थी।
 
किशोर के साथ तीन महीने पहले लंबी बैठक करने वाले कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और ‘जी 23’ के सदस्य ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि पीके मेरे पास आए थे और करीब तीन घंटे बैठे थे। वह बैठक से बहुत खुश थे। उनसे मिलने के बाद मुझे यह लगा कि वह प्रधानमंत्री मोदी को हराना चाहते हैं और इसको लेकर गंभीर भी हैं।
 
उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के हिसाब से वह ‘जी 23’ के कुछ और नेताओं तथा कांग्रेस के कई अन्य नेताओं से भी पिछले कुछ महीनों के दौरान मिले हैं। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने कहा कि पीके ने मेरे साथ मुलाकात में कांग्रेस में बदलाव, विपक्षी एकजुटता पर विस्तार से चर्चा की थी। उनका साफ कहना है कि कांग्रेस एवं विपक्ष के मौजूदा स्वरूप के साथ नरेंद्र मोदी जी को पराजित नहीं किया जा सकता।
 
उनके मुताबिक, ‘पीके का कहना था कि अगर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाना है तो फिर गांधी परिवार से अलग किसी को अध्यक्ष पद की कमान देनी होगी, दोनों जिम्मेदारी एक ही व्यक्ति नहीं संभाल सकता। उनका यह भी कहना था कि यह बात उन्होंने खुद राहुल गांधी से कही थी।’
 
यह पूछे जाने पर कि क्या किशोर के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता खुद को दरकिनार किए जाने का खतरा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ और युवा, सबको मिलकर काम करना होगा। किसी ने अगर पार्टी के लिए 30-40 साल तक काम किया है तो उसे अचानक अलग नहीं किया जा सकता।
 
इस बीच, बृहस्पतिवार को 80 से अधिक पृष्ठों वाली एक प्रजेंटेशन सामने आई, जिसमें जिसमें गांधी परिवार से अलग अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस पर किशोर ने एक अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में कहा कि यह एक पुरानी बात है। इसका हाल की चर्चा से कोई लेना-देना नहीं है।
 
इस प्रजेंटेशन में यह सुझाव भी दिया गया है कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि नेतृत्व के विषय को हल किया जाए, गठबंधन के मुद्दे को सुलझाया जाए, पार्टी अपने पुराने मूल्यों की ओर लौटे, जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की फौज तैयार की जाए और मीडिया की रणनीति के सिस्टम में भी बदलाव किया जाए।
 
हाल ही में कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष किशोर ने जो सुझाव रखे उस पर विचार के लिए कांग्रेस की ओर से समिति बनाई गई है। यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपेगी। इसके बाद किशोर के कांग्रेस में शामिल होने या उनकी आगे की भूमिका पर फैसला होगा। (भाषा)
 
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