आखिर क्या बला है रेव पार्टी?
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धनंजयपिछले दिनों मुंबई के एक पब में नशे की पार्टी या कहें रेव पार्टी से पुलिस ने 269 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आखिर क्या है यह रेव पार्टी और क्यों युवा पीढ़ी इसकी ओर आकर्षित हो रही है और युवा वर्ग पर इसका क्या असर होता है? आइए, जानते हैं इसी के बारे में...रेव पार्टी का शाब्दिक अर्थ है मौज मस्ती की पार्टी। गुलाम फिल्म के आमिर खान के किरदार जैसा दिल्ली का कोई टपोरी अपनी प्रेमिका को रेव पार्टी की दावत देगा तो कहेगा- रेव पार्टी के लिए चलती क्या फार्म हाउस। प्रेमिका के यह पूछने पर कि वहाँ क्या होगा? उसका जबाव होगा- एसिड, इक्सटैसी (ये ड्रग्स के नाम हैं) पीएँगे, रात भर ट्रांस म्यूजिक पर नाचेंगे, 'हट' में सेक्स करेंगे और क्या? लेकिन रेव पार्टी टपोरियों के लिए कतई नहीं है, हालाँकि खंडाला भी रेव पार्टियों का स्वर्ग माना जाता है। रेवियों का अंदाज छिछोरों जैसा नहीं होता। यह धनकुबेरों के बेटों के लिए है।एक सच्चा रेविया बड़ा घाघ होता है। पार्टी के बारे में वे 'सर्किट' के बाहर के लोगों को जरा भी भनक नहीं लगने देते। एसएमएस से भेजते हैं पार्टी का न्योता। यह तो रेव पार्टी के नौसिखिए हैं जो काम बिगाड़ते हैं और कभी-कभी मस्ती में पुलिस का खलल पड़ जाता है। मुंबई, खंडाला, पुणे, पुष्कर से अब रेव पार्टियाँ मनाली तक पहुँच गई हैं, लेकिन नशे के घालमेल ने रेव पार्टी का उसूल बदल दिया है। पहले यह खुले में होता था अब छिपकर होने लगा है। नशीले पदार्थ बेचने वालों के लिए ये रेव पार्टियाँ धंधे की सबसे मुफीद जगह बन गई हैं। पुलिस की अधिक चौकसी की वजह से दिल्ली की रेव पार्टियों के मतवालों को दूर जाकर अपना यह शगल पूरा करना पड़ रहा है।मुंबई में छापे के बाद पूरे देश की रेव बिरादरियों के बीच मानो रेड अलर्ट-सा जारी हो गया है। इन पार्टियों में ट्रांस म्यूजिक बजाने वाले दिल्ली के डीजे ने जैसे अपने होंठ सी लिए हैं। अधिकतर डीजे रेव के बारे में ऐसे बात कर रहे हैं जैसे बहुत भोले हों। लेकिन सही बात यह है कि उन्हें रेव का अंदर बाहर सब पता है। दिल्ली के लगभग सभी डीजे इन रेव पार्टियों की वजह से मालामाल हो रहे हैं। महरौली व गुड़गाँव के एकांत फार्म हाउस में ये डीजे ही उनकी नाइट लाइफ को रंगीन बनाते हैं।दिल्ली के रेविए इसराइल, ईरान और फ्रांस की फिरंगी सर्किट में अधिक जाते हैं। इन पार्टियों में अकसर जाने वाले मनु कहते हैं- रेव अब धंधा नहीं रहा। अब यह सिर्फ करीबी दोस्तों के बीच का शगल रह गया है। वे आपसे में पैसे पूल (जमा) करते हैं फिर मस्ती करते हैं। अभी मुंबई में गिरफ्तारी के बाद तो रेव पार्टियों में नए सदस्यों का आना एकदम बंद है। ये नए लोग ही गड़बड़ करते हैं। अपनी शान बघारने के लिए किसी को बता देते हैं। उसने बताया- इन पार्टियों में मॉडल, सेलिब्रिटी, एवं राजनेताओं के बच्चे जाते हैं।
मॉडल तो इन पार्टियों में अकसर देखी जाती हैं । हम भले ही लड़कों के अनुपात में लड़कियों की संख्या में कमी होने का रोना रोते हों लेकिन इन रेव पार्टियों के मामले में लड़कियों ने लड़कों को काफी पीछे छोड़ दिया है। सौ रेवियों में लड़कियों की संख्या 60 होती ही है। एक समय राहुल महाजन, फरदीन खान आदि सेलिब्रिटी के भी इन पार्टियों की गिरफ्त में आने की बातें उठी थीं। मुंबई के छापे में गिरफ्तार रेवियों में शक्ति कपूर का बेटा भी शामिल रहा है। दिल्ली के पासे के इलाकों की युवकों की रेव पार्टियों में धनकुबेरों व उद्यमियों के बेटे भी जाते हैं। एयरहोस्टेस भी अकसर देखी जाती हैं।महानगरों के युवकों का रेव के प्रति आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है। अब रेव का मतलब डांस में डोपिंग यानी नशे का सेवन और सेक्स होता जा रहा है । डीजे का कहना है कि बिना ड्रग (एसिड व इक्सटैसी) लिए वे लगातार 8 घंटे साइकेडेलिक ट्रांस म्यूजिक पर थिरक ही नहीं सकते। कुछ तो है कि जो उनमें लगातार नाचने का जुनून पैदा करते हैं। जिनके पास पैसे होते हैं वे एसिड व इक्सटेसी जैसे महँगे ड्रग लेते हैं। जिनके पास उतना पैसा नहीं होता, जिन्हें अपनी बजट भी देखनी होती है वे वे श्रूम्स (मशरूम), हशीश या गाँजा से ही काम चला लेते हैं।डीजे बिट्टू ने बताया- अगर कोई लड़का लगातार डांस करता दिखे तो समझ जाइए वह इक्सटेसी पर है । रेव पार्टियों में 20 हजार, 30 हजार या 60 हजार वाट का म्यूजिक भी बजता है, सुपर फास्ट। सिर्फ ड्रग का सवाल नहीं है। इसमें जाने की कीमत दोगुनी होती है। सेक्स को लेकर जो बातें कही जाती हैं उसमें उतनी सच्चाई न भी हो, किस इज क्वाइट कूल। हाँ, कुछ विदेशी जरूर बेहयाई पर उतर जाते हैं।लेकिन रेव पार्टी में जाने वाले डीजे सुरेश चड्डा कहते हैं- नाचते हुए इश्क ने जोर मारा तो कई रेव पार्टियों में उसकी व्यवस्था भी रहती है। रेव वेन्यू पर उसके लिए हट बनने लगे हैं। स्वैपिंग इज ऑलसो कूल। इसमें भाग लेने वाले बिंदास युवकों के लिए सेक्स और प्यार की नैतिकता कोई मायने नहीं रखती।सब कुछ गँवा सकती हैं लड़कियाँ : बिना किसी रंग, स्वाद व गंध की रेप डेट ड्रग के नाम से कुख्यात इस दवा की चपेट में आकर रेव पार्टियों में जाने वाली नई लड़कियाँ अपना सब कुछ गँवा सकती हैं। हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष और नशे की लत छोड़ने के लिए युवकों को सलाह देने वाले डॉ. केके अग्रवाल कहते हैं कि दूध, चाय या पानी के साथ मिलाकर कोई यह दवा पिला दे तो कुछ पता नहीं चलता। इस दवा का असर यह होता है कि उनके साथ कुछ भी हो, लड़कियों को यह खुशफहमी होती रहती है कि वे डेट पर हैं, बस। होश में आने पर उन्हें कुछ याद नहीं रहता कि उनके साथ क्या- क्या हुआ?यह दवा सिर पर इस तरह सवार होती है कि ट्रेन में कोई पिला दे तो आप लुटेरे को खुद बता देंगे के आपके पास उसके लूटने के लिए क्या-क्या है। वैसे तो लड़कियाँ रेव पार्टियों में न जाएँ लेकिन अगर जाएँ तो इस 'भोले भाले' ड्रग से बचें। दूसरा कोई पीने के लिए कुछ दे तो कतई न पीएँ। रेव पार्टियों में यही दवा पिलाकर लड़कियों की ब्लू फिल्में बना ली जाती हैं। यह बाद में ब्लैकमेल करने के काम आती हैं। डॉ. अग्रवाल नशेड़ियों के लिए हेल्प लाइन चला चुके हैं।