एक बात, जो प्रायः मुझे उलझन में डालती है, वह है हम हिन्दी ब्लॉगरों के बीच स्वयं को साहित्य-सर्जक कहलाने की आकांक्षा। यह आकांक्षा अन्य भाषाओं के ब्लॉगरों में दिखाई नहीं देती। हां, वे इस माध्यम को साहित्य तथा पत्रकारिता में 'योगदान' देने वाला, उसकी ...