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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 4 जनवरी 2025 (15:10 IST)

मकर संक्रांति उत्तरायण पर पतंग उड़ाने का कारण और महत्व

kite festival 2025: मकर संक्रांति उत्तरायण पर पतंग उड़ाने का कारण और महत्व - Reason and importance of kite flying on Makar Sankranti Uttarayan
Makar Sankranti Festival 2025: मकर संक्रांति या उत्तरायण के पर्व को 'पतंग महोत्सव' के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता भी होती है। पतंग उड़ाने के पीछे कई धार्मिक, पारंपरिक और वैज्ञानिक कारण भी है और पतंग उड़ाने का खास महत्व भी है। उत्तरायण सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का पर्व है, जिसे मकर संक्रांति के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर बढ़ता है, यानी सूर्य का झुकाव दक्षिण से उत्तर की ओर होता है। यह परिवर्तन ज्योतिष और खगोल विज्ञान के अनुसार शुभ माना जाता है। उत्तरायण पर पतंग उड़ाना सिर्फ एक मनोरंजन नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, संस्कृति, और आध्यात्म का संगम है। यह पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने, शरीर को स्वस्थ रखने, और समुदाय के साथ खुशियां बांटने का अवसर देता है।
 
पतंग उड़ाने का कारण और महत्व:
 
1. वैज्ञानिक कारण: 
सूर्य की ऊर्जा का लाभ: उत्तरायण के दौरान सूर्य की किरणें सीधी धरती पर पड़ती हैं, जिससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पतंग उड़ाने से लोग लंबे समय तक सूर्य की रोशनी में रहते हैं, जिससे शरीर को विटामिन D मिलता है।
 
सर्दियों का अंत: ठंड के मौसम के बाद यह पर्व नए मौसम के आगमन का संकेत देता है। पतंग उड़ाना एक बाहरी गतिविधि है, जो लोगों को घर से बाहर निकालती है। शारीरिक गतिविधि: पतंग उड़ाने के दौरान हाथ, आंख, और मस्तिष्क का तालमेल आवश्यक होता है, जिससे शरीर को व्यायाम मिलता है। यह समय सर्दी का होता है और इस मौसम में सुबह का सूर्य प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्द्धक और त्वचा व हड्डियों के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। अत: उत्सव के साथ ही सेहत का भी लाभ मिलता है।
 
बैक्टीरिया और कीटाणु नष्ट करना: सूर्य की तेज रोशनी से संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया और कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। खुले आसमान के नीचे पतंग उड़ाने से लोग ताजी हवा में सांस लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
2. पतंग उड़ाने का सांस्कृतिक महत्व:
उत्सव का प्रतीक: उत्तरायण और मकर संक्रांति भारत में प्रमुख त्योहारों में से एक है। पतंग उड़ाना इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर गुजरात और राजस्थान में।
सामाजिक जुड़ाव: लोग छतों पर एकत्र होकर पतंग उड़ाते हैं, जिससे आपसी मेलजोल और सामूहिक आनंद का वातावरण बनता है।
रंगों का त्योहार: पतंगें विभिन्न रंगों और डिजाइनों की होती हैं, जो जीवन में खुशी और सकारात्मकता का प्रतीक मानी जाती हैं।
 
3. आध्यात्मिक महत्व:
उत्तरायण को आध्यात्मिक रूप से सूर्य देव की आराधना का समय माना जाता है। पतंग को ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रतीक आत्मा की उच्चता और आकाश से जुड़ने का संकेत माना जाता है।
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