gandhi jayanti 2024 speech : गांधी जयंती पर इस स्पीच से करें लोगों को इंप्रेस
Gandhi Jayanti Speech in Hindi: आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सम्माननीय शिक्षकगण और मेरे सभी प्रिय साथियों, आप सभी को मेरा सादर प्रणाम या सुप्रभात।
आज हम सभी यहां एक खास मौके पर इकट्ठा हुए हैं। मैं आज आपके सामने एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहा/रही हूं, जो किसी भी परिचय के मोहताज नहीं है। आज हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है। मैं उन्हें नमन और श्रद्धांजलि अर्पित करके अपनी बात शुरू करता/करती हूं।
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात (भारत) में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अंग्रेज शासन के खिलाफ अहिंसा, एकता तथा नमक सत्याग्रह द्वारा कई सालों तक जंग लड़ने के बाद अपने सिद्धांतों पर चलते हुए भारत को स्वतंत्रता दिलाई थी। इसलिए हर साल उनकी जयंती देशभर में मनाई जाती है।
वे 19वीं सदी के सम्मानित नेताओं में से एक तथा दुनिया में शांति और अहिंसा के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन की एक बैठक में कांग्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए 'करो या मरो' का नारा देकर भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने का संकल्प लिया था। और सत्याग्रह तथा अहिंसा से भारत को स्वतंत्रता दिलाई। उन्हें बापू के नाम से भी पहचाना जाता है। वे एक नेता, दार्शनिक और समाज सुधारक भी थे।
आपको बता दूं कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए गांधी जी को 'देश का पिता'/ राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया। आइए आज उनकी जयंती हम सभी स्वयं से सच्चाई, परोपकार और अहिंसा का रास्ता अपनाने का वादा लेते हैं।
इसी के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देता/देती हूं। आप सभी ने मुझे अपने विचार रखने का मौका दिया, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
सभी को गांधी जयंती की शुभकामनाएं।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।