वागर्थ : मार्च 2009
अंक 164
प्रबंध संपादक : डॉ. कुसुम खेमानीप्रकाशक : नंदलाल शाह मूल्य : 20 रुपएसंपादकीय समय की हिन्दी उर्फ़ हिन्दी का समय चिन्तनधर्मपाल : हम किसी और के संसार में रहने लगे हैं विचार किशन पटनायक : आधुनिक विज्ञान और तकनीक का दम्भविजय बहादुर सिंह : औरों से अलग हटकर लिखनापिछले पन्नों से भवानी प्रसाद मिश्र : ये किसी व्याकुल समय की सूचनाएँ हैं, और यह कवि-कथनआलेखलक्ष्मण केडिया : सभ्यता के चकाचौंध के पार का कवि : भवानी प्रसाद मिश्र अभिज्ञात : केदारनाथ सिंह की कविता : आलोक और आयाम कहानी विजयकांत : कुफ़्र महावीर राजी : बीजइतिहास और समाज सुरेश मिश्र : इतिहास, जरा हटकर चिट्ठी-पत्री निदा फ़ाजली की चिट्ठियाँ ग़ज़ल ओम प्रभाकर साक्षात्कारकथा ही आज के समय की अपनी विधा है सुपरिचित लेखिका ज्योत्स्ना मिलन से छबिल मेहरे की बातचीतकविता रवि कुमार : बच्चे और फूल प्रभात : धाड़ैती श्याम सुंदर बगड़िया : दो कविताएँसत्यवान : यह उजली कौंध श्याम किशोर सिंह : वापस जाओ, बेलसुधांशु 'फिरदौस' : माँ, टूटे बिखरे सपनेआलेखप्रमीला के.पी. : अनूदित जंग बनाम आतंकवादविजेंद्र नारायण सिंह : दिनकर की उर्वशी : उग्र नारीवाद की पहली हिन्दी रचनासंस्कृत ग़ज़ल अभिराज राजेंद्र मिश्र : भुजङ्ग: कथम्? गीत राम सेंगर : किसे पड़ी हैग़ज़ल अजय पाण्डेय 'सहाब'राजेश रेड्डीअखिलेश तिवारीपरखहितेन्द्र पटेल : तीसरा विभाजन (कहानी संग्रह) : अन्य दयानंद पाण्डेय : महात्मा गाँधी : ब्रह्मचर्य के प्रयोग (व्यक्तित्व) :दयाशंकर शुक्ल सागरकिरण अग्रवाल : यकीन की आयतें (कविता संग्रह) : आशुतोष दुबेसांस्कृतिक गतिविधियाँ : झरोखा लोकमत