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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 (16:17 IST)

अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन दिवस के 10 रोचक तथ्य जानें

Quit India Movement Day 2025
Significance of Quit India Movement: 09 अगस्त को मनाया जाने वाला 'अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन दिवस' यह भारत के पूर्ण स्वतंत्रता की मांग वाला पहला स्पष्ट, उग्र जन-आंदोलन था। यह वह मोड़ था, जब ब्रिटिश शासन को स्पष्ट हो गया कि भारत में अब लंबे समय तक शासन करना असंभव है। इससे पहले के आंदोलनों में जहां अहिंसा के साथ-साथ आंदोलन सीमित वर्ग तक था, वहीं यह आंदोलन 'जन-जन का आंदोलन' बन गया। इस लेख में महात्मा गांधी के 'करो या मरो' नारे से लेकर 'अगस्त क्रांति दिवस' तक की पूरी कहानी विस्तार से दी गई है। ALSO READ: 9 अगस्त: अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन दिवस, जानें महत्व और इतिहास
 
आइए यहां पढ़ें 10 रोचक जानकारी...
 
1. 'भारत छोड़ो' नारा का असली श्रेय: 'भारत छोड़ो' का नारा महात्मा गांधी ने नहीं, बल्कि एक समाजवादी नेता यूसुफ मेहर अली ने गढ़ा था। हालांकि, इसे देश भर में लोकप्रिय बनाने का श्रेय गांधी जी को जाता है।
 
2. 'करो या मरो' का नारा: महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को अपने भाषण में 'करो या मरो' (Do or Die) का नारा दिया था, जिसका अर्थ था कि या तो हम भारत को आजाद करा लेंगे, या इस प्रयास में मर जाएंगे।
 
3. अरुणा आसफ अली की भूमिका: 9 अगस्त को जब बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, तब अरुणा आसफ अली ने मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उन्हें 'अगस्त क्रांति की ग्रैंड ओल्ड लेडी' कहा जाता है।
 
4. सरकार का क्रूर दमन: ब्रिटिश सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने के लिए बहुत क्रूरता से काम लिया। हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया और कई प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गईं।
 
5. समांतर सरकारों का गठन: आंदोलन के दौरान कई जगहों पर ब्रिटिश राज खत्म हो गया था और लोगों ने अपनी समांतर सरकारें बना ली थीं। इनमें बलिया (उत्तर प्रदेश), तामलुक (बंगाल) और सतारा (महाराष्ट्र) प्रमुख थे।ALSO READ: यहां पर आदिवासी समाज साढ़े 3 माह तक मनाते हैं राखी का पर्व
 
6. नेताओं की गिरफ्तारी: आंदोलन शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर ही, गांधी जी और कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं को 'ऑपरेशन ज़ीरो आवर' के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था, ताकि आंदोलन को फैलने से रोका जा सके।
 
7. आंदोलन का अचानक फैलना: नेताओं की गिरफ्तारी के कारण आंदोलन स्वतःस्फूर्त हो गया था। छात्रों, किसानों और मजदूरों ने खुद ही सड़कों पर आकर इसका नेतृत्व संभाला।
 
8. मुस्लिम लीग का बहिष्कार: मुस्लिम लीग ने इस आंदोलन का बहिष्कार किया था, क्योंकि उनका मानना था कि यह भारत के विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण के खिलाफ था।
 
9. विदेशों में भारतीय रेडियो: इस आंदोलन के दौरान, कांग्रेस नेताओं ने गुप्त रूप से 'कांग्रेस रेडियो' की शुरुआत की थी, जिसका प्रसारण देश के बाहर से होता था ताकि लोगों तक खबरें पहुंच सकें।
 
10. द्वितीय विश्व युद्ध का समय: यह आंदोलन ऐसे समय में शुरू हुआ था जब पूरी दुनिया द्वितीय विश्व युद्ध में उलझी हुई थी। ब्रिटिश सरकार पर पहले से ही युद्ध का दबाव था और इस आंदोलन ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी थीं।
 
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