भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि स्वामित्व योजना से गांव और गरीब सशक्त होंगे और विकसित भारत का सफर सुहाना होगा। भारत में पिछले लगभग 5 वर्ष में डेढ़ करोड़ ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का स्वामित्व पत्र (प्रॉपर्टी कार्ड) दिया गया है। आज 65 लाख से अधिक हितग्राहियों को प्रॉपर्टी कार्ड दिया जा रहा है। इस प्रकार देश के लगभग सवा दो करोड़ ग्रामीणों को उनके घर का पक्का कानूनी दस्तावेज मिला है। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को दिल्ली से स्वामित्व योजना अंतर्गत हितग्राहियों को संपत्ति अधिकार पत्रों के ई-वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ कर देशभर के 50 हजार से अधिक गाँवों में 65 लाख प्रॉपर्टी कार्डों का वितरण किया, जिनमें मध्यप्रदेश के 15 लाख 63 हजार हितग्राही शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने योजना के लाभार्थियों के साथ संवाद भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिवनी जिले से कार्यक्रम में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के एक सर्वे के अनुसार क्लाइमेट चेंज, पानी की समस्या, स्वास्थ्य की समस्या और महामारी की चुनौतियों के साथ ही प्रॉपर्टी राइट्स 21वीं सदी की एक बहुत बड़ी चुनौती है। विश्व के अनेक देशों में गरीबों के पास प्रॉपर्टी राइट्स नहीं है। अर्थशास्त्री कहते हैं कि प्रॉपर्टी राइट्स नहीं होने से उनके पास "डैड कैपिटल" है। उस पर वे कोई लेनदेन नहीं कर सकते, कोई आर्थिक गतिविधि संभव नहीं होती। घर की मिल्कियत के विवाद और दबंगों द्वारा अतिक्रमण का खतरा बना रहता है। स्वामित्व योजना के माध्यम से हमने इस चुनौती का हल निकाल लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा पहले की सरकारों ने इस समस्या का कोई ठोस हल नहीं निकाला। वर्ष 2014 में जब हमारी सरकार बनी तब हमने इस योजना को प्रारंभ किया। ड्रोन के माध्यम से जमीनों की मैपिंग कराई गई और गरीबों की संपत्ति के कागज तैयार किए गए। देश में लगभग 6 लाख गांव है, इनमें से आधे से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। सवा दो करोड़ ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड मिल गए हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। लगभग 100 लाख करोड़ से ज्यादा की आर्थिक गतिविधियों का रास्ता खुलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वामित्व योजना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। गरीबों को संपत्ति के अधिकार पत्र मिल जाने से ग्राम पंचायतें आर्थिक दृष्टि से सशक्त होंगी और ग्राम स्वराज जमीन पर उतरेगा। विभिन्न आपदाओं के बेहतर प्रबंधन और ग्रामीणों को समय पर क्लेम मिलने में भी आसानी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा भारत गांव में बसता है। गांव का विकास देश का विकास है। स्वामित्व योजना और भू-आधार ग्राम विकास के आधार बनेंगे। देश में 23 करोड़ भू-आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। भू-अभिलेखों का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में नारी शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैंक सखी, बीमा सखी, लखपति दीदी, ड्रोन दीदी आदि योजनाएं नारी सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। देश में सवा करोड़ से ज्यादा लखपति दीदियां बन गई है। कई राज्यों में स्वामित्व योजना के अंतर्गत संपत्ति अधिकार पत्रों में पत्नियों के नाम भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना की रजिस्ट्री में भी महिलाओं के नाम शामिल किए गए हैं।
सम्पत्ति कार्ड करेगा आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना किसी भेदभाव के लोगों को उनकी सम्पत्ति के स्वामित्व का अधिकार दिया है। यह स्वामित्व का अधिकार सिर्फ भू-अधिकार ही नहीं बल्कि उनके स्वाभिमान का अधिकार है। इससे वे आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनकल्याण अंतर्गत समाज के चार स्तंभ महिला सशक्तिकरण, युवा शक्ति, किसानों और गरीब कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। प्रदेश सरकार महिला, युवा, गरीब और किसानों की जिंदगी बदलने के लिए लगातार काम कर रही हैं। सरकार ने युवा मिशन और गरीब कल्याण मिशन प्रारंभ किया है। इससे युवाओं के लिए रोजगार का प्रबंधन करने कीदिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 2.50 लाख पदों पर भर्ती की जायेगी, जिसमें सभी श्रेणियों के पद भरे जायेंगे। गरीब मिशन के अंतर्गत सभी गरीब परिवार और निम्न आय वर्ग वाले लोगों के लिए पक्के मकान होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान कल्याण अंतर्गत खेती को लाभ का धंधा बनाया जायेगा, खेतों में सिंचाई की क्षमता बढा़ई जायेगी। हर खेत में पानी पहुंचाने का काम किया जायेगा और हर हाथ को काम दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पारस पत्थर से सोना बनता है या नहीं यह तो पता नहीं लेकिन सूखे खेतों में पानी पहुंचने से अवश्य ही सोने रूपी फसल तैयार होंगी। हर खेत में माईक्रोलिफ्ट ऐरिगेशन के माध्यम से पानी पहुंचाया जायेगा और पानी की एक-एक बूंद का उपयोग कर किसानों को खुशहाल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 2003-04 में प्रदेश में सिर्फ 7 लाख हेक्टेयर में ही सिंचाई होती थी, अब 48 लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचाई का रकबा हो गया है। आने वाले 5 सालों में एक करोड़ हेक्टेयर कृषि रकबे को सिंचित करने का लक्ष्य है।
बहेगी विकास की गंगा-मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में सुशासन के साथ नागरिक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। प्रदेश के विकास केलिए लगातार कल्याणकारी योजनाऐं क्रियान्वित की जा रही है, जिनके माध्यम से प्रदेश में विकास की गंगा बहेगी। सरकार लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, अटल पेंशन योजना, किसान सम्मान निधि योजना, भू-स्वामित्व अधिकार योजना के साथ अन्य कल्याणकारी योजनाऐं चलाकर जनकल्याण की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात की सुविधाओं का विस्तार करते हुए अब गांव-गांव परिवहन के लिए बसें चलाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है। रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के अवसर पर जबलपुर व संग्रामपुर में केबिनेट की बैठकें कर उन्हें सम्मान दिया गया। इसी प्रकार से रानी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के दृष्टिगत आने वाले समय में सुशासन को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय होंगे। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार का नवाचार है कि गौ-पालकों को अनुदान की राशि देने के साथ दूध उत्पादन पर बोनस भी दिया जायेगा। गौ-पालन के प्रोत्साहन के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। किसानों को धान का बोनस खेत की फसलों के ड्रोन सर्वे के आधार पर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 33 करोड देवी- देवताओं में हमारी संस्कृति समाहित है। अयोध्या में 500 साल बाद भगवान श्रीराम जिस प्रकार विराजमान हुए, उसी प्रकार प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण ने जहां-जहां गमन किया वहां-वहां तीर्थ स्थल बनाये जायेंगे। उन्होंने "बहुजन हिताय, सर्वजन सुखाय" की अवधारणा के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सबको साथ लेकर चलने की प्रतिबद्धता जाहिर की, साथ ही कहा कि अमरकंटक, महेश्वर, उज्जैन, चित्रकूट आदि धार्मिक स्थलों का विकास वहां की परंपराओं के अनुरूप किया जाये।
जिला स्तर पर भी करेंगे इंडस्ट्री कॉन्क्लेव-मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश औद्योगिक विकास की ओर अग्रसर है। हमने फरवरी 2025 में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्व 7 स्थानों पर रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव की हैं, जिनके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। संभागीय इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के बाद हम जिला स्तर पर भी कॉन्क्लेव करेंगे।
धनौरा में बनेगा महाविद्यालय-मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 190 करोड़ के 72 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। उन्होंने कहा कि धनौरा में शासकीय महाविद्यालय बनाया जायेगा। संजय सरोवर भीमगढ में फ्लोटिंग सोलर पैनल स्थापित किये जायेंगे। कांचना मंडी में नहर प्रणाली के कार्य को पूरा कराया जायेगा। सिवनी में इसी वर्ष गो-शाला बनाई जाएगी, जिसमें निराश्रित गायों को संरंक्षित किया जायेगा। मेडिकल कॉलेज के सेकण्ड फेस का कार्य शुरू किया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वामित्व योजना के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में हितग्राहियों को सम्पत्ति कार्ड का वितरण किया। पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम के माध्यम से 15.63 लाख हितग्राही लाभांवित हुये। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण आबादी सर्वे के लिए स्वामित्व योजना वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई थी। केन्द्र सरकार की स्वामित्व योजना अंतर्गत ग्रामीण आबादी का जीआईएस प्रणाली द्वारा भू-मापन कर अधिकार अभिलेख तैयार किया जाता है। इस योजना से ग्रामीण संपत्ति का रिकार्ड तैयार होता है, जिससे ग्रामीण लाभांवित होते हैं।
जिलों में भी हुआ सम्पत्ति कार्ड वितरण कार्यक्रम-प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में सम्पत्ति कार्ड वितरण कार्यक्रम जिला स्तर पर भी आयोजित किये गये। इन कार्यक्रमों में केन्द्रीय मंत्री, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, विधानसभा अध्यक्षय सहित सांसद एवं विधायकगण शामिल हुए और हितग्राहियों को समपत्ति कार्ड वितरण कर उनसे संवाद भी किया।