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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021 (20:03 IST)

मध्यप्रदेश में नहीं आने देंगे बिजली संकट,बोले शिवराज, थर्मल पॉवर स्टेशनों पर कोयले की कमी बरकरार

मध्यप्रदेश में नहीं आने देंगे बिजली संकट,बोले शिवराज, थर्मल पॉवर स्टेशनों पर कोयले की कमी बरकरार - There will be no electricity crisis in Madhya Pradesh: Shivraj Singh Chouhan
भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली संकट को लेकर सरकार अब अलर्ट हो गई है। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में बिजली संकट नहीं आने देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बिजली का स्टेटस अच्छा है और कोई भी संकट न आने देंगे।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता पर कोई संकट आने पर कांग्रेस खुश हो जाती है। अगर पानी या कोयले की खदान पूरी क्षमता से काम नहीं करती और कहीं संकट दिखता है तो, वो खुश हो जाती है। उन्हें जनता के संकट से कोई लेना देना नही है उन्हे तो, आनंद आता है जब जनता परेशान होती है। जनता कि समस्याओं से जिनका कोई लेना देना ही नही रहा, वो केवल ट्वीट की राजनीति करते हैं।
 
थर्मल पॉवर स्टेशनों पर कोयले की कमी- मध्यप्रदेश के चारों थर्मल पॉवर प्लांट अमरकंटक, सतपुडा थर्मल पॉवर स्टेशन (सारणी), संजय गांधी थर्मल पॉवर स्टेशन (पाली), खंडवा में सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट में लगातार कोयले की कमी बनी हुई है। प्रदेश के चारों थर्मल पॉवर स्टेशन अपनी फुल कैपिसिटी की तुलना में सिर्फ 44 फीसदी क्षमता से चल रहे है। प्रदेश के चारों थर्मल पॉवर स्टेशनों में अमरकंट में सात दिन का, सतपुड़ा में तीन दिन का, संजय गांधी में चार दिन और सिंगाजी में 2 दिन का कोयला बाकी बचा है। 
वहीं थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले की फिजूलखर्ची भी कोयले की कमी का बड़ा कारण है। मध्यप्रदेश के सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट में एक यूनिट बिजली पैदा करने में 600 ग्राम कोयले की जगह करीब 800 ग्राम कोयले का उपयोग किया जा रहा है जो कि कोयला की खपत का मिस मैनेजमेंट है।
 
वहीं प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुताबिक प्रदेश में पिछले 15 दिनों से बिजली की मांग बढ़ रही है। मौजूदा दौर में बिजली की औसत माँग लगभग 10 हजार मेगावाट है जबकि अधिकतम माँग लगभग 11 हजार मेगावाट है। ग्यारह अक्टूबर को शाम 7 बजे अधिकतम माँग 10 हजार 853 मेगावाट थी, जिसकी निर्बाध आपूर्ति की गई।प्रतिदिन 22 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली प्रदाय की जा रही है। 
 
उन्होंने कहा कि कोयले के देशव्यापी संकट को देखते हुए सरकार कोल इण्डिया और केन्द्र सरकार के सतत सम्पर्क में है। प्रदेश में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कोयले को रेल के माध्यम से परिवहन के साथ ही सड़क मार्ग से परिवहन कर लगभग 16 लाख टन कोयले की अतिरिक्त आपूर्ति के प्रयास भी किये जा रहे हैं।