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Last Updated : मंगलवार, 29 दिसंबर 2020 (18:32 IST)

तानसेन संगीत समारोह: इस साल विदा हुए गुणीजनों को ‘प्रणति’ के माध्‍यम से श्रद्धांजलि

तानसेन संगीत समारोह: इस साल विदा हुए गुणीजनों को ‘प्रणति’ के माध्‍यम से श्रद्धांजलि - tansen samaroh
भारतीय शास्त्रीय संगीत में सबसे प्रतिष्ठित ‘तानसेन समारोह’ महोत्सव  का ग्वालियर में शुभारंभ हुआ। यहां हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि के समीप शिवपुरी की ऐतिहासिक छत्रियों की थीम पर बनाए गए आकर्षक मंच पर सबसे पहले गरिमामय समारोह में देश के सुप्रतिष्ठित संतूर वादक पद्मश्री पं. सतीश व्यास को इस साल के ‘राष्ट्रीय तानसेन सम्मान’ से अलंकृत किया गया।

तानसेन समाधि‍ परिसर में इस पांच दि‍वसीय आयोजन में कई कलाकार अपनी प्रस्तुदि देंगे। इसमें गायन, नृत्‍य, संतूर वादन, ध्रुपद, पखावज, सारंगी, सि‍तार और बांसूरी वादन की सुरीली शामें शामिल हैं। विश्‍व संगीत समागम की श्रेणी में विदेशों से आए कई मूर्धन्‍य कलाकार भी अपनी प्रस्‍तुति देंगे।

इसी समारोह में प्रणति-2020’ के नाम से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इसके संयोजक, लेखक और कला समीक्षक राजेश्‍वर त्र‍ि‍वेदी ने वेबदुनिया को बताया कि यह छायचित्र प्रदर्शनी इस साल विदा हुए विभि‍न्‍न विधाओं के कलाकारों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित की जा रही हैं। उन्‍होंने बताया कि इसमें सिनेमा, साहित्‍य और कला की अलग-अलग विधाओं से जुड़े नाम शामिल हैं।

प्रदर्शनी में रंगकर्मी इब्राहिम अल्‍काजी, चित्रकार सतीश गुजराल, लेखक कृष्‍ण बलदेव वैद, कलाविद कपिला वात्‍स्‍यायन, गायि‍का कौमुदी मुंशी, शास्‍त्रीय गायक पंडि‍त जसराज, फि‍ल्‍म निर्देशक बासु चटर्जी, चित्रकार- लेखक हरि‍पाल त्‍यागी, बांग्‍ला सिनेमा के अभिनेता सौमित्र चटर्जी, साहित्‍यकार गि‍रिराज किशोर, शि‍ल्‍पकार जरीना हाशमी, वीणावादक राजशेखर व्‍यास आदि शामिल हैं।

राजेश्‍वर त्र‍ि‍वेदी ने बताया कि इस प्रदर्शनी के आयोजन का उदेश्‍य इन कालाकारों की कलाओं से आमजन को रूबरू कराना और उनकी कला के माध्‍यम से ही उन्‍हें श्रद्धांजलि देना है।
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