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Last Modified: छतरपुर , शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024 (21:11 IST)

छतरपुर में देर से आने पर डांटा तो छात्र ने प्रिंसिपल को गोली मार दी

छतरपुर में देर से आने पर डांटा तो छात्र ने प्रिंसिपल को गोली मार दी - Student shot principal in Chhatarpur
Madhya Pradesh Crime News : मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में शुक्रवार अपराह्न 12वीं कक्षा के एक छात्र ने देर से आने पर डांटने पर अपने स्कूल के प्रधानाचार्य की गोली मारकर हत्या कर दी और अपने एक साथी के साथ प्रधानाचार्य के स्कूटर पर सवार होकर मौके से फरार हो गया। आरोपी छात्र और उसका साथी एक ही स्कूल के छात्र हैं। प्रधानाचार्य की एक्स-रे रिपोर्ट मिलने के बाद और जानकारी मिल पाएगी। दोनों छात्रों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। प्रधानाचार्य के स्कूल के सभी कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध थे। 
 
पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छात्र ने देर से आने पर डांटने पर प्रधानाचार्य की गोली मारकर हत्या कर दी। छात्र और कला संकाय का उसका सहपाठी प्रधानाचार्य की स्कूटर पर सवार होकर मौके से भाग गए। दोनों छात्रों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने बताया कि प्रधानाचार्य एस के सक्सेना (55) को अपराह्न करीब डेढ़ बजे धमोरा शासकीय उच्चतर विद्यालय के शौचालय के प्रवेश द्वार पर सिर में गोली मार दी गई। उन्होंने बताया कि सक्सेना की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी छात्र और उसका साथी एक ही स्कूल के छात्र हैं।
 
शहर के पुलिस अधीक्षक अमन मिश्रा ने बताया कि स्थानीय स्तर पर बनी पिस्तौल से केवल एक राउंड गोली चलाई गई थी, जिसे अभी तक बरामद नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य की एक्स-रे रिपोर्ट मिलने के बाद और जानकारी मिल पाएगी।
घटनास्थल पर जांच कर रहे पुलिस अधीक्षक मिश्रा ने कहा, शुरुआती जांच के अनुसार, दोनों आरोपी आज और पहले कई मौकों पर देर से आने के लिए डांटे जाने से परेशान थे। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आर पी प्रजापति ने कहा कि सक्सेना पिछले पांच वर्षों से धमोरा सरकारी उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य थे।
 
संस्थान के एक शिक्षक हरिशंकर जोशी ने बताया कि सक्सेना एक रत्न व्यक्ति थे और दावा किया कि आरोपी छात्र एक कुख्यात लड़का था जो अपनी मर्जी से स्कूल आता था। जोशी ने कहा, प्रधानाचार्य सक्सेना ऐसे छात्रों की काउंसलिंग करते थे। अगर हालात नहीं सुधरते थे, तो वे ऐसे छात्रों के माता-पिता को बुलाते थे। सक्सेना के स्कूल के सभी कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध थे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour