मध्यप्रदेश में अब पैदल नहीं चलेंगे पलायन कर रहे मजदूर, मदद में आगे आई शिवराज सरकार
भोपाल। मध्यप्रदेश से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों को अब पैदल नहीं चलना पड़ेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्य राज्यों के लिए पैदल जा रहे मजदूरों को बस से उनके गृहराज्य की सीमा तक पहुंचाने के निर्देश कलेक्टरों को दिए है। इसके साथ मुख्यमंत्री ने मजदूरों के लिए भोजन और उनके रहने की व्यवस्था करने के निर्देश भी अफसरों को दिए है।
मजदूरों की मदद के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बनाए जाने के निर्देश दिए है। ट्रांजिट प्वाइंट से स्पेशल बसों के जरिए मजूदरों को उनको राज्य की सीमा तक छोड़ा जाएगा। इसके साथ ट्रांजिट प्वाइंट पर मजदूरों के रुकने, भोजन, पानी और दवा की भी व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जिले में मजदूरों का अतिथि के रूप में स्वागत कर सभी सुविधाएं देने की बात कहते हुए पैदल चल रहे लोगों से साथ पूरी संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए है।
सरकार ने इसके लिए निर्देश जारी करते हुए अलग अलग राज्यों के मजदूरों के लिए अलग अलग जिलों में ट्रांजिट पॉइट बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मजूदरों के लिए देवास और गुना में ट्रांजिट प्वाइंट बनाया गया है। इसके साथ ही सीहोर के दौलतपुर में मजदूरों के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बनाया गया है। वहीं मजदूरों को भेजने के लिए 375 से अधिक बसों को लगाया गया है।
वहीं मध्यप्रदेश में अब तक 2 लाख से अधिक मजूदर वापस लाए जा चुके है। जिसमें गुजरात से एक लाख 5 हजार, राजस्थान से 45 हजार और महाराष्ट्र से 40 हजार मजदूर वापस लाए गए है। इसके साथ ही गोवा, दिल्ली, पंजाब,हरियाणा,केरल, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से वापस आए मजदूर शामिल है।
अपर मुख्य सचिव और प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूप आईसीपी केशरी के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न जिलों में फंसे मध्यप्रदेश के करीब 60 हजार मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है। इसके साथ ही अन्य प्रदेश में फंसे मजूदरों को वापस लाने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार और रेलवे से 71 ट्रेनों की मांग की है। हर दिन प्रदेश में अन्य प्रदेश से 8-10 ट्रेन मजदूरों को लेकर आ रही है।