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Last Updated : बुधवार, 16 मार्च 2022 (16:28 IST)

BSF जवान लिगामेंट्स इंज्यूरी को नहीं समझे मामूली, आ सकती है सर्जरी की नौबत

BSF जवान लिगामेंट्स इंज्यूरी को नहीं समझे मामूली, आ सकती है सर्जरी की नौबत - seminar on ligaments and its treatment
देश की सीमा की रक्षा के लिए सचेत रहने वाले बीएसएफ जवानों को लिगामेंट्स की चोट के लिए भी रहना चाहिए सजग, सजगता से टल सकती है सर्जरी- डॉ अभिषेक कलंत्री

इंदौर। BSF की सख्त ट्रेनिंग आपकी शक्ति और इच्छाशक्ति को कई गुना बढ़ा देती है। यही कारण है कि कई बार आप लोग लिगामेंट्स की चोट और दर्द को मामूली समझकर टाल देते है। समय पर उपचार ना होने पर सामान्य सा दर्द गंभीर रूप ले सकता है और सर्जरी की नौबत तक आ जाती है। हमें ये स्थिति आने नहीं देना है।

ये बात वरिष्ठ आर्थ्रोस्कोपी सर्जन और स्पोर्ट्स मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ अभिषेक कलंत्री ने बीएसएफ एसटीसी ट्रेनिंग सेंटर में हुए एक सेमिनार में कही। लिगामेंट्स इंज्यूरी के लक्षण, बचाव और उपचार पर हुए इस सेमिनार में BSF ट्रेनिंग सेंटर के तीन सौ से भी ज्यादा प्रशिक्षु सिपाही, जवान ट्रेनर्स और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ कलंत्री ने कहा कि लिगामेंट धागे जैसी संरचना होती है जो जोड़ और हड्डियों को संतुलित रखने का काम करती है। हड्डियां और जोड़ हार्डवेयर की तरह होते है जबकि लिगामेंट्स सॉफ्टवेयर की तरह।लिगामेंट में चोट से आपका चलना फिरना नहीं रुकता पर इस सॉफ्टवेयर में हुई गड़बड़ आगे चलकर हार्डवेयर यानी हड्डी के किसी भी भाग को करप्ट कर सकती है।

उन्होंने जवानों को लिगामेंट इंज्यूरी के लक्षण उनका प्राथमिक उपचार और इन चोटों से बचने के लिए आवश्यक सावधानियों के बारे में भी बताया।उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी ये है कि पंजे, घुटने, कंधे,कलाई या कोहनी के किसी भी दर्द को मामूली समझकर नजरअंदाज ना करें। तुरंत उसका प्राथमिक उपचार शुरू करें और तत्काल अपने डॉक्टर की सलाह लें।  

प्रारंभ में डॉ. कलंत्री का स्वागत BSF STC के आईजी श्री जयकृत सिंह रावत, कमांडेंट ललित हुरमाड़े ने किया। इस अवसर पर सीएमओ (एस.जी.) डॉ संदीप पटोनदीकर,डॉ ओबेद एहमद रिजवी सीएमओ (एस.जी.) और  प्रशासनिक अधिकारी श्री शैलेश कुमार मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।