आज से मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र, महाकाल लोक घोटाला, सतपुड़ा अग्निकांड और आदिवासी के मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस
भोपाल। आज से शुरु हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस महाकाल लोक घोटाला, सतपुड़ा अग्निकांड और आदिवासी अत्याचार के मुद्दें पर सरकार को घेरेगी। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कांग्रेस को घेरने की रणनीति तैयार हुई। बैठक में कमलनाथ ने सभी विधायकों से जनता के मुद्दे पुरजोर ढंग से सदन में उठाने के निर्देश दिए।
बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व वित्त मंत्री एवं विधायक तरुण भनोट ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि मानसून सत्र में उज्जैन में हुए महाकाल लोक घोटाले, सतपुड़ा भवन में लगी आग और हाल ही में सीधी में आदिवासी युवक के साथ हुए अत्याचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
तरुण भनोट ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता महंगाई बेरोजगारी और कुशासन से त्रस्त है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर्फ झूठे वादे करते हैं और जनता की आकांक्षाओं पर यह सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है।
सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के सवाल पर भनोट ने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएंगे, हम आदिवासी अत्याचार का मुद्दा उठाएंगे, हम प्रदेश के ऊपर चढ़ते जा रहे कर्ज का मुद्दा उठाएंगे, विधानसभा अध्यक्ष जी यह सुनिश्चित करें कि वह जनता के इन विषयों पर चर्चा करेंगे तो निश्चित तौर पर सदन सुचारू रूप से चलेगा।
विधानसभा सत्र में अनुपूरक बजट आने के सवाल पर भनोट ने कहा कि यह बजट जनता के कल्याण के लिए नहीं आ रहा है अनुपूरक बजट इसलिए आ रहा है कि शिवराज सरकार 50 परसेंट एडवांस कमीशन ले सके और भ्रष्टाचार कर सके। विधायक दल की बैठक से पूर्व मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए तकनीकी समिति की बैठक हुई।
सर्वदलीय बैठक में मंथन- वहीं मानसून सत्र को सुचारु रुप से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्ष में सर्वदलीय बैठक भी हुई। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा, नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी शामिल हुए। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सर्वदलीय बैठक सौहार्दपूर्ण रही। बैठक में मानसून सत्र के सुचारू संचालन एवं महत्वपूर्ण विषयों पर सारगर्भित चर्चा को लेकर सदन के सभी सदस्यों ने सहमति जताई।