‘भीलवाड़ा मॉडल’ से भोपाल और इंदौर में काबू में आएगा कोरोना ?
भोपाल । मध्यप्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सूबे की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी के तौर पर पहचाने जाने वाले शहर इंदौर में कोरोना पॉजिटिव केसों में रिकॉर्ड संख्या में बढोत्तरी के बाद अब सरकार ने इन दो जिलों के लिए विशेष एक्शन प्लान तैयार किया है। कोरोना के हॉटस्पॉट बने इन जिलों में सरकार कोरोना को कंट्रोल करने के लिए भीलवाड़ा मॉडल अपनाने जा रही है और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों इसके लिए निर्देश दिए है।
भोपाल और इंदौर में लगातार बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोनों ही जिलों की सीमाओं को और कड़ाई से सील करने के साथ लोगों की आवाजाही पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही भीलवाड़ा की तर्ज इन जिलों में भी कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग कर संदिग्धों की पहचान करने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही जो व्यक्ति होम कवॉरेंटाइन में हैं उन्हें ट्रेस करने के लिए फेस रिकॉग्निशन टेक्निक का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का पहला लक्ष्य मध्यप्रदेश में कोरोना के संक्रमण को पूरी तरह रोकना और पीड़ित मरीजों को ठीक करना है। कोरोना समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को काबू में करने के लिए भीलवाड़ा एंव कर्नाटक मॉडल जहां भी अच्छे कार्य हुए है उसको प्रदेश में लागू किया जाए।
क्या हैं भीलवाड़ा मॉडल – राजस्थान का भीलवाड़ा जिला जो कोरोना से सबसे अधिक प्रभावी था वह अब कोरोना से लगभग मुक्त हो गया है। 20 मार्च को भीलवाड़ा में कोरोना पहला पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने पूरे जिले को सील करते हुए तुरंत की कफर्यू लगा दिया था। इसके साथ ही प्रशासन ने 6 हजार टीमें बनाकर सात दिन के अंदर 24 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग कर कोरोना संदिग्धों की पहचान की गई थी।
कोरोना संदिग्ध लोगों को होमक्वारेंटाइन करने के लिए शहर के सभी होटल,लॉज और धर्मशालाओं को आरक्षित कर वहां पर रखा गया। इसके साथ एक हजार से अधिक लोगों को होम आइसोलेट किया गया था। आज भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव केवल 7 मरीज बचे है जिनकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है और इनको भी जल्द अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।