भोपाल। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के बेंगलुरु के महादेवापुरी विधानसभा सीट पर वोट चोरी के खुलासे के बाद अब मध्यप्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। राहुल गांधी लगातार मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल खड़े करते हुए वोट चोरी का आरोप लगा रहे है। राहुल गांधी के आरोपों के बाद अब प्रदेश कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव में कथित तौर पर की वोट चोरी का खुलासा करने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि 'लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने की साजिशों को बेनकाब करना अब जरूरी हो गया है। 13 अगस्त को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी 2023 विधानसभा चुनाव की 'वोट चोरी' का पर्दाफाश करेगी।'
इसके साथ ही पीसीसी चीफ ने दावा किया कि मध्यप्रदेश की कई विधानसभाओं में मतदाता सूची की गड़बड़ी के पुख्ता सबूत उनके पास हैं। कांग्रेस का दावा है कि, उनके पास कई विधानसभा सीटों पर मतदाता सूची में कथित रूप से हेरफेर करने के ठोस आंकड़े हैं, जिनके आधार पर वे इस कथित वोट चोरी का खुलासा किया जाएगा। गौरतलब है कि राहुल गांधी पहले भी मध्य प्रदेश के 2023 विधानसभा चुनाव 2023 में जनादेश चोरी का आरोप लगा चुके हैं। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि 'मध्य प्रदेश में भारी एंटी-इनकंबेंसी के बावजूद कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटें मिलीं, जो असंभव है।
कमलनाथ ने भी चुनाव आयोग को घेरा- कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी की प्रेस कॉफ्रेंस से मतदाता सूची के रखरखाव में गड़बड़ी का एक व्यवस्थित पैटर्न सामने आया है। इससे मध्यप्रदेश में 2018 में उठाए गए मुद्दे और गंभीर हो गए हैं और हेरफेर का एक नया स्तर दिख रहा है। कमलनाथ ने कहा कि 2018 में जब कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश में फर्जी मतदाताओं की शिकायत की थी तो आयोग ने खुद अपनी तरफ से कार्रवाई करते हुए 24 लाख फर्जी वोटरों को मतदाता सूची से हटाया था और आयोग ने जवाबी हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर करते हुए इस बात को स्वीकार किया था।
कमलनाथ ने कहा कि 2018 में, मैंने मध्य प्रदेश की मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ी होने के संबंध में कुछ विशेष मुद्दे उठाए थे। इनमें शामिल थे:
1-जनसांख्यिकीय रूप से समान प्रविष्टियां होना, जहां एक ही व्यक्ति का नाम अलग-अलग विधानसभाओं या मतदान केंद्रों में दर्ज पाया गया था।
2-समान फ़ोटो वाली प्रविष्टियां, जहां एक ही व्यक्ति की तस्वीरें अलग-अलग स्थानों पर मौजूद थीं।
3-मतदाता सूचियों में फर्जी नाम, जिनका ज़मीनी स्तर पर पता नहीं चल रहा था।
4-मतदाता सूचियों में मृत या स्थानांतरित मतदाताओं का होना।
5-ऐसे मतदाताओं का होना, जिनकी फोटो पहचान में नहीं आ रही थी।
6-एक ही पते या अमान्य पतों पर असामान्य रूप से अधिक संख्या में मतदाताओं का होना।
वहीं चुनाव आयोग के जवाबी-हलफनामे में इन विसंगतियों को स्वीकार किया गया था और सूची से नाम हटाने या सुधारात्मक कार्रवाई करने पर सहमति व्यक्त की गई थी। उन्होंने 9664 इंट्रा-एसी रिपीट प्रविष्टियां, 8278 इंटर-एसी रिपीट प्रविष्टियां और 2,37,234 संदिग्ध तस्वीरें होने की बात भी स्वीकार की थी और 24 लाख संदिग्ध मतदाताओं को हटाने का दावा किया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने गोपनीयता संबंधी चिंताओं के कारण मतदाता सूचियों की मशीन-रीडेबल पीडीएफ़ उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया।
कमलनाथ ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा में एक लाख से अधिक फर्जी वोटर होने के दावे के जवाब में कहा कि 2018 में कमलनाथ ने भी इलेक्शन कमीशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी। निर्वाचन आयोग ने फैक्ट चेक के नाम पर ट्वीट करके यह दावा किया और कई मीडिया संस्थानों ने आयोग के हवाले से लंबा बयान चलाया। कमलनाथ ने आयोग के इस तरह के फैक्ट चेक को पूरी तरह भ्रामक बताया।
वोट चोरी पर कांग्रेस का सोशल मीडिया कैंपेन- राहुल गांधी के वोट चोरी के दावे के बाद अब कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक अभियान लांन्च किया है। कांग्रेस ने इसको लेकर votechori.in/ecdemand नाम से एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कैंपने को शेयर करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि वोट चोरी लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है, आइए, साथ मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने आगे लिखा है कि, वोट चोरी रोकें- अपना मताधिकार बचाएं। इसके साथ ही उन्होंने अभियान से जुड़ने के तीन तरीके भी बताए हैं।
कांग्रेस ने लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की है। इस पर दिए गए लिंक पर क्लिक करने पर ये पोर्टल ऑपन हो रहा है, जिस पर कोई भी अपना नाम, जन्म तारीख और शहर का नाम भरकर इस अभियान में शामिल हो सकता है। अभियान के समर्थन में यूजर जब फॉर्म भर कर सबमिट करते हैं, तो उसके पास डाउनलोड का ऑपश्न भी आ रहा है। डाउनलोड करते ही यूजर को उसके नाम के साथ समर्थन में शामिल होने का सर्टिफिकेट भी दिया जा रहा है, जिसपर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन के हस्ताक्षर भी हैं।