मंत्री नहीं बनाया तो कांग्रेस भुगतेगी खामियाजा, हीरालाल अलावा की कमलनाथ सरकार को सीधी धमकी
भोपाल। कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस सरकार गिरने के बाद अचानक से मध्यप्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जहां साफ कहा है कि कर्नाटक के बाद अब मध्यप्रदेश का नंबर है तो दूसरी ओर सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को अब उसके ही विधायक आंख दिखाने लगे हैं।
कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉक्टर हीरालाल अलावा ने एक बार फिर खुलकर खुद को मंत्री बनाए जाने की मांग कर दी है।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर अलावा ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने जयस का समर्थन हासिल करने के लिए सरकार बनने पर भागीदारी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब सरकार बनने के बाद वादाखिलाफी कर रहे हैं।
अलावा कहते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजयसिंह और दीपक बावरिया के सामने अपनी बात रखते हुए साफ कर दिया है कि जयस को मंत्रिमंडल में शामिल करने का अपना वादा निभाए नहीं तो आने वाले समय में इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।
हीरालाल अलावा सरकार को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अब यह सरकार को तय करना है कि वह मंत्रिमंडल में जगह देती है या नहीं देती है।
सरकार कर रही जयस की अनदेखी : वेबदुनिया से खास बातचीत में डॉक्टर हीरालाल अलावा जयस की अनदेखी करने पर कांग्रेस सरकार से नाराज दिखाई देते हैं। वे साफ कहते हैं कि सरकार चुनाव के बाद जयस को अनदेखा कर रही है, जयस से संबंधित अधिकारियों को ट्रांसफर कर रही है।
हीरालाल अलावा कहते हैं कि उन्होंने इस बारे में खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात कर अपनी नाराजगी जाहिर की है और साफ कहा कि अगर जयस के समर्थन के कारण सरकार बनी है तो जयस से भेदभाव नहीं करना चाहिए और अगर भेदभाव करते हैं तो आने वाले समय में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
सदन में उठाई आदिवासियों की आवाज : डॉक्टर अलावा कहते हैं कि आदिवासियों के हक की आवाज उन्होंने इस बार विधानसभा में उठाई। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार को आदिवासियों की मांग पर ध्यान देते हुए जल्द से जल्द पांचवीं अनुसूची को लागू करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार के गठन होने के बाद भी अब तक प्रदेश में आदिवासी सलाहकार परिषद का गठन नहीं किया गया है इसलिए सभी आदिवासी विधायकों ने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द परिषद के गठन करने की मांग की है। इसके साथ ही डॉक्टर अलावा ने आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवा बढ़ाने की मांग भी सरकार से की है।