इंदौर (मध्य प्रदेश)। लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाली ममता बनर्जी को देश की नेता बताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बुधवार को कहा कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व तरीके से सभी विरोधियों को धूल चटा दी।
बहरहाल, वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष की ओर से बनर्जी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले खड़े किए जाने की संभावनाओं पर कमलनाथ ने कहा कि अपने चुनावी चेहरे के बारे में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) समय आने पर फैसला करेगा।
कमलनाथ ने कहा, बनर्जी आज हमारे देश की नेता हैं। वह लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी हैं। वह उस विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले के बाद इस मुकाम पर पहुंची हैं, जैसा चुनाव हमारे देश में कभी नहीं हुआ।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, बनर्जी को केंद्र सरकार, मोदी और उनके मंत्रियों के साथ ही सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग से भी लड़ना पड़ा। फिर भी उन्होंने उन सबको लात मारकर भगा दिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या बनर्जी को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे के तौर पर पेश किया जा सकता है, कमलनाथ ने सीधा जवाब टालते हुए कहा, अभी यह बात हम नहीं जानते। यह बात यूपीए तय करेगा।
पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद भड़की राजनीतिक हिंसा के खिलाफ भाजपा के विरोध प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, अब वे लोग (भाजपा नेता) कहने का प्रयास कर रहे हैं कि बंगाल में हिंसा हो रही है। वैसे हिंसा का रास्ता बहुत गलत है। मैंने भी फोन पर बातचीत के दौरान बनर्जी से बोला है कि वह सबको हिंसा से दूर रहने के लिए कहें।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया कि उन्होंने बनर्जी से फोन पर बातचीत के दौरान उन्हें इस राज्य में आने का न्योता भी दिया है।
मध्य प्रदेश में कोरोना से हो रही मौत के लिए सरकार जिम्मेदार : मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 से हो रही मौतों के लिए केंद्र और राज्य की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को आरोप लगाया कि ये सरकारें महामारी की दूसरी लहर से निपटने की समय रहते तैयारी करने में नाकाम रहीं।
कमलनाथ ने यहां कहा, क्या हम सूबे में कोविड-19 से हो रही मौतों के लिए स्वयं जनता को दोषी मानें? इन मौतों के लिए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें दोषी हैं जिन्होंने लाशों पर राजनीति की है और जिन्हें जनता की कोई चिंता नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा, देश-विदेश का मीडिया तीन महीने पहले से बता रहा था कि महामारी की दूसरी लहर आने वाली है लेकिन इससे निपटने की कोई तैयारी नहीं की गई और देश से चिकित्सीय ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्यात होता रहा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राजनीति पर उतर आया प्रशासन प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को वायरसरोधी रेमडेसिविर इंजेक्शन बांट रहा है और इन इंजेक्शनों की कालाबाजारी की जा रही है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कोविड-19 के खिलाफ केंद्र सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, सरकार के पास अभी टीके की पर्याप्त खुराक नहीं हैं। फिर भी उसने एक मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाने की घोषणा कर दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, यह घोषणा इसलिए की गई क्योंकि उस समय (पश्चिम बंगाल के) चुनाव चल रहे थे और वे (भाजपा नेता) चाहते थे कि 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को (चुनावी फायदे के लिए) किसी तरह समेट लिया जाए।
कमलनाथ ने यह भी कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश के नागरिकों को महामारी के घातक प्रकोप से मुक्ति दिलाने के लिए छिंदवाड़ा के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में प्रार्थना की है क्योंकि आज जनता सरकार के नहीं, बल्कि भगवान के भरोसे है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अब तक कोरोनावायरस संक्रमण के कुल 6,12,666 मरीज मिले हैं और इनमें से 6,003 लोगों की मौत हो चुकी है।(भाषा)