इंदौर। युवा पत्रकार एकता मंच एवं एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में पुलिसकर्मियों एवं मीडियाकर्मियों के लिए शनिवार को स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जेके जैन थे, जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार श्रीमती निर्मला भुराड़िया ने की।
जस्टिस जैन ने इस अवसर पर कहा कि तनाव और भागदौड़ की जिंदगी में इस तरह के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन बहुत ही जरूरी है। इनका सतत आयोजन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रग एडिक्शन समाज की बड़ी समस्या है, इस पर रोक लगना चाहिए। इससे युवा पीढ़ी को नुकसान पहुंच रहा है।
श्रीमती भुराड़िया ने कहा कि जान है तो जहान है। स्वास्थ्य शिविरों के साथ ही समाज के एक बड़े वर्ग में स्वास्थ्य को लेकर फैली अज्ञानता को भी दूर करना जरूरी है। आज भी कई स्थानों पर देखा जाता है कि लोग ओझा-गुनियायों के पास झाड़-फूंक के लिए जाते है। इन सब बातों के प्रति समाज में चेतना जगाना चाहिए तथा समाज के सभी वर्गों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचनी चाहिए।
हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस सुशील गुप्ता ने कहा कि हेल्थ इज वेल्थ, लेकिन वेल्थ इज नॉट हेल्थ। यदि आप स्वस्थ रहेंगे तो प्रसन्न भी रहेंगे। परिवार में भी शांति होगी। खराब स्वास्थ्य का प्रभाव पूरे परिवार पर होता है। बिशप स्वामी चाको ने कहा कि पुलिस, मीडिया और स्वास्थ्य तीनों ही क्षेत्र समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। सेवा कार्य समाज में सतत चलते रहना चाहिए। इस शिविर का आयोजन सराहनीय प्रयास है। गीतकार एकलव्य, डॉ. रामगुलाम राजदान, कांग्रेस नेता राकेशसिंह यादव आदि ने भी संबोधित किया।
ड्रग एडिक्शन पर फिल्म : इस पर मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने ड्रग एडिक्शन पर एक फिल्म दिखाई और ड्रग्स से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया। इसमें बताया गया कि नशे से शरीर के अंगों के साथ ही परिवार और समाज पर भी बुरा असर पड़ता है। महिलाएं यदि किसी भी प्रकार का नशा करती हैं तो न सिर्फ उनके शरीर पर बल्कि उनके होने वाले बच्चे पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।
इस अवसर पर अतिथियों ने ट्रैफिक डीएसपी संतोष उपाध्याय, रक्षित निरीक्षक तोमर, सूबेदार योगेश राजपूत, सूबेदार उज्मा खान, एसआई अशोक शर्मा समेत अन्य पुलिसकर्मियों, पत्रकारों और मेडिकल स्टूडेंट्स को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत मंच के कुंवर विजयसिंह, सोहराव पटेल, पंडित विजय त्रिवेदी, कमलेश दुबे, केशवर गोयल, संगीता सिंह, शकील खान, वीरेन्द्रसिंह, जयसिंह रघुवंशी, उजित हार्डिया आदि ने किया। संचालन डॉ. पुरुषोत्तम दुबे ने किया।