इंदौर साहित्य महोत्सव में 'मीटू' पर गर्मागर्म बहस
इंदौर। साहित्य महोत्सव का तीसरा सत्र 'मीटू' जैसे विवादास्पद विषय को लेकर था जिसमें प्रतिभागियों ने माहौल में गर्माहट ला दी। जमकर बहस हुई, आरोप-प्रत्यारोप लगे, आवाजें ऊंची हुईं। एक-दूसरे की बातें काटी गईं। यहां तक कि आयोजक प्रवीण शर्मा को अपने एक बयान के किसी शब्द विशेष को वापस लेना पड़ा।
इस गर्मागर्म सत्र में मालिनी अवस्थी, बेली कानूनगो, संदीप भूतोड़िया, इंदिरा दांगी, अनंत विजय और अपर्णा कपूर प्रतिभागी थे। इस सत्र को भारती दीक्षित ने मॉडरेट किया।
मालिनी अवस्थी ने कहा कि इस अभियान की सबसे बुरी बात यह हुई कि विश्वास टूटा है और लड़कियों को जो अच्छे अवसर सहज मिल रहे थे, वे इस आतंक के मारे मिलने बंद हो गए हैं। इंदिरा दांगी अपने चिर-परिचित आक्रामक अंदाज में थीं, वहीं अनंत विजय चुटकियां लेने से बाज नहीं आ रहे थे। माहौल के अनियंत्रित होने की शंका मात्र से आयोजक प्रवीण शर्मा को मंच पर आना पड़ा।
कुल मिलाकर यह सत्र गर्माहट से भरा रहा और बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त भी हो गया। दर्शकों ने भी इस परिचर्चा का खूब सक्रियता से लाभ उठाया। इन दो सत्रों के बाद वाले सत्र में आखिर शरद पगारे को कहना पड़ा कि मालिनी और 'मीटू' सत्र मंच लूटकर ले गए हैं और हम एक लुटे हुए मंच पर खड़े हैं। इस सत्र में मुकेश वर्मा, सूर्यकांत नागर और शरद पगारे ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। इस सत्र को पद्मा सिंह ने संचालित किया।