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Last Updated :इंदौर , शनिवार, 22 दिसंबर 2018 (21:57 IST)

कैसे बनें बेस्ट सेलर, लिट् फेस्ट में केविन ने बताया राज

कैसे बनें बेस्ट सेलर, लिट् फेस्ट में केविन ने बताया राज - How to become best seller, Kevin Missel in lit festival
इंदौर। लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन उत्साह और खुशी चरम पर रही। रस्किन बांड स्कूली बच्चों के बीच बच्चे बन गए और कुनमुनाती ठंड की सुबह में बच्चे भूल गए कि मौसम सर्द है, क्योंकि सामने उनके प्यारे रस्किन अंकल जो थे। वही रस्किन जिनकी मीठी कल्पनाओं से बुनी रचनाएं उनके मानस में प्रकृति के सुंदर चित्र बनाती हैं।
 
सुबह का यह सत्र गर्मजोशी से भरा रहा और ठंड ने भी थोड़ा कम होकर बच्चों की खुशी में खलल नहीं डाला। जमकर मस्ती, मज़ाक ठहाके चले और फिर बारी आई दूसरे सत्र की। मैं भी कवि में कई प्रतिभाशाली बच्चों ने अपनी कविताओं का ओजस्वी पाठ किया। इसके बाद सत्र था The Best seller mystery : what a Candy! What a sweety!

इस सत्र में जब सुंदरी वेंकटरमन अपनी फ्लाइट लेट होने की वजह से शामिल न हो सकी तो केविन मिशल और टोमोको किकुची के साथ अनंत विजय ने कमान संभाली। इस सत्र को राणा ज्योति ने मॉडरेट किया।
 
इस सत्र में कई बातें खुलकर सामने आईं। जैसे कि आखिर बेस्ट सैलिंग का गणित क्या है? क्या जो पुस्तक बेस्ट सेलर्स में गिनी जा रही है, वास्तव में वह पढ़ने लायक भी है या नहीं। दरअसल, यह एक ऐसा कुचक्र है जिसे आसानी से परिभाषित करना संभव नहीं। किताब बिकी यह उसकी गिनती है, न कि किताब बहुत अच्छी है और इसलिए बिकी है, उसका हिसाब है।
 
एकदम बच्चे लग रहे युवा लेखक केविन ने इसे स्मार्ट तरीके से बताने की कोशिश की, पर अनंत विजय जैसे सारे गणित की धज्जियां उड़ाने ही आए थे। उनका स्पष्ट मानना था कि गुणवत्ता और श्रेष्ठता का बेस्ट सैलिंग से कोई लेना-देना नहीं है। केविन बताने पर आमादा थे कि क्या करें कि किताब खूब बिके और इसके लिए वे भरपूर तैयारी करके भी आए थे।
 
उनका कहना था कि कंटेंट सबसे खास है, जब तक कि वह नया, मौलिक और आकर्षक नहीं होगा। आप चाहे कितनी भी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी अपना लें, किताब को न बिकना है तो न बिकेगी। एकाध बार पाठक झांसे में आ सकता है, पर बार-बार नहीं। दूसरा उनका कहना था कि पब्लिसिटी का सही तरीका और सही समय चयन किया जाए, अपनाया जाए तो भी किताब की बिक्री पर फर्क पड़ता है।
 
कवर पेज पर उन्होंने बड़ी मज़ेदार बात कही कि खूबसूरत दिखना इसलिए जरूरी है कि दुकानदार भी बड़े प्यार से उसे शोकेस में सजाता है। इस पर अनंत ने बताया कि अश्विन सांघी जब दुकान पर जाते और अपनी किताब को पीछे रखा देखते तो चुपचाप उसे पोंछकर लाते और आगे रख देते, ऐसा वे कई बार करते।
 
केविन ने इस पर कहा कि उनकी किताब 35 बार रिजेक्ट हुई, पर उन्होंने हार नहीं मानी। Never give up भी सफल लेखक का मूल मंत्र होना चाहिए। उसके बाद नंबर आता है सोशल मीडिया का। वे कहते हैं कि नेम और फेम दबाव भी लाते हैं। आपको अपने आपको पूरा झोंकना पड़ता है कि यह जो लिख रहे हैं, वह पुराने से 10 गुना बेहतर कैसे हो? सभी प्रतिभागी लेखकों का मानना था कि खूब पढ़ें तब ही लिखें। कुल मिलाकर नए युवा साथियों के लिए यह सत्र ऊर्जा से भरपूर रहा।