मध्यप्रदेश में रोजगार को लेकर मोहन सरकार का बड़ा फैसला, नई MSME पॉलिसी से 86 लाख रोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध
भोपाल। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मध्यप्रदेश में मोहन सरकार ने प्रदेश में निवेशकों को रिझाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। समिट में पहले मोहन सरकार ने पिछले एक सप्ताह में ताबड़तोड़ फैसले लेकर 17 पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। मंगलवार को भोपाल में मोहन कैबिनेट की बैठक में प्रदेश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए म.प्र. एमएसएमई विकास नीति-2025 और स्टार्ट-अप पॉलिसी और कार्यान्वयन योजना-2025 को मंजूरी दी है।
प्रदेश में मोहन सरकार नई एमएसएमई नीति की मंजूरी दी है, उसमें सरकार का दावा है कि प्रदेश में 86 लाख रोजगार अवसर पैदा होगें। मोहन सरकार इस नीति को मंजूरी देकर ईज ऑफ डुइंग को प्रोत्साहित करेगी। इस नीति से सरकार ने 53 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। सरकार इस नीति के तहत नवीन उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देगी। सरकार निवेशकों को मशीनरी-बिल्डिंग में निवेश करने पर 40 फीसदी सब्सिडी भी देगी।
निवेश और निर्यात को प्रोत्साहन-मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2025 के जरिए निवेश पर 40% तक की सहायता, नए उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमी इकाई को 48% की सहायता और पिछड़े विकासखण्डों में 1.3 गुना सहायता का प्रावधान किया गया है।
निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए भी एमएसएमई नीति के तहत विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इस नीति में निर्यातक इकाई को निवेश पर 52% तक की सहायता, निर्यात हेतु माल ढुलाई पर अधिकतम 2 करोड़ रुपए की सहायता के साथ साथ निर्यात हेतु प्रमाण पत्र पर 50 लाख रुपए की सहायता का भी प्रावधान किया गया है।
मध्यम इकाई को 100 से अधिक रोजगार देने पर डेढ़ गुना अनुदान दिया जाएगा। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रति कर्मचारी 5000 रुपए प्रति माह 5 वर्ष तक मदद की जाएगी। इसके साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु 13000 रुपए की सहायता का भी नीति में प्रावधान है।
सेवा क्षेत्र को पहली बार सहायता-सेवा क्षेत्र में पहली बार सहायता दी गई है। इसमें लॉजिस्टिक, रिसाईकलिंग, मोटर यान स्क्रेपिंग के साथ साथ आर एंड डी शामिल है। मेडिकल डिवाइस और फुटवियर के लिए पहली बार विशेष पैकेज भी दिया गया है। वहीं, इस नीति के तहत नवीन क्षेत्र को सहायता देने का भी प्रावधान किया गया है। जिसके तहत एमएसई एक्सचेंज, लीन इंजीनियरिंग, टेस्टिंग लैब, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हेतु सहायता का भी प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा मशीनरी में 10 करोड़ तक निवेश पर अजा/अजजा/महिला उद्यमी को 48 और 52 फीसदी सब्सिडी भी मिलेगी। जो निवेशक 10 करोड़ से अधिक का उद्योग लगाएगा उसे 1.5 गुना अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। सरकार फार्मास्युटिकल और टेक्सटाइल में निवेश करने वालों को विशेष पैकेज देगी। इस नीति के तहत सरकार ने माल ढुलाई में 40 लाख तक की प्रतिवर्ष सहायता देने का फैसला किया है। माल ढुलाई में 5 वर्षों तक माल आर्थिक सहायता मिलेगी। इस नीति के तहत जो निवेशक रोजगार पैदा करेगा उसे अनुदान दिया जाएगा। 100 से अधिक रोजगार देने पर निवेशक को 1.5 गुना अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। सरकार ने नई एमएसएमई नीति के तहत औद्योगिक भूमि-भवन आवंटन-प्रबंधन में भी बदलाव किया है। पहले लोगों को प्रथम आओ-प्रथम पाओ पद्धति से औद्योगिक भूखंड मिलता था, लेकिन अब ई-बिडिंग पद्धति से यह भूखंड उपलब्ध होगा। यानी, यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी।