मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री चुनने का काउंटडाउन शुरू, रविवार को विधायक दल की बैठक में CM चेहरे का होगा ऐलान
भोपाल। रविवार यानि 10 दिसंबर को मध्यप्रदेश के नए सीएम के नाम की घोषणा हो सकती है। राज्य का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। पार्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. के लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा को पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए।
पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के आज शाम तक भोपाल पहुंचने की संभावना है। वहीं पार्टी के सूत्र बताते है कि रविवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी जिसमें विधायक दल के नए नेता का चुनाव किया जाएगा।
वहीं आज मुख्यमंत्री की रेस में शामिल प्रहलाद पटेल ने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा यह पर्यवेक्षक तय करेंगे। वहीं मुख्यमंत्री चेहर को लेकर प्रहलाद पटेल ने कहा कि इसके लिए आपको और हमें भी इंतजार करना चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि वह एक विधायक है और विधायक दल की बैठक की सूचना आएगी तो वह भी विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे।
दरअसल मध्यप्रदेश में अगर भाजपा शिवराज सिंह चौहान की जगह किसी ने नए चेहरे को आगे करती है तो ओबीसी वर्ग से आने वाले प्रहलाद सिंह पटेल का नाम सबसे आगे है। लोधी समुदाय से आने वाले प्रहलाद पटेल एक अनुभवी राजनेता है और नरसिंहपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए है, ऐसे में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रहलाद सिंह पटेल को मध्यप्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकता है। प्रहलाद सिंह पटेल प्रदेश में ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े चेहरों में शामिल है। प्रहलाद सिंह पटेल उस महाकौशल क्षेत्र से आते है जिससे अब तक प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं बना है। लोकसभा चुनाव में ओबीसी वर्ग को साधने के लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रहलाद सिंह पटेल पर अपना दांव लगा सकती है।
इसके साथ मुख्यमंत्री की रेस में भाजपा के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी सबसे आगे चल रहा है। मध्यप्रदेश में चुनाव अभियान सीमित के अध्यक्ष के तौर पर भाजपा को प्रचंड़ जीत दिलाने में अहम रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले नरेंद्र सिंह तोमर की केंद्रीय हाईकमान प्रदेश की कमान सौंप सकता है। नरेंद्र सिंह तोमर एक अनुभवी राजनेता है और केंद्र में मंत्री रहते हुए अपनी प्राशसनिक क्षमता का परचिय दे चुके है। इसके साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर की संगठन पर तगड़ी पकड़ मानी जाती है।
वहीं भाजपा के गढ़ के तौर पर पहचाने जाने वाले मध्यप्रदेश में भाजपा ओबीसी वर्ग से आने वाले किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। प्रदेश में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या 50 फीसदी के करीब है और ओबीसी वर्ग एक बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में भाजपा ओबीसी वर्ग से आने वाले किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है।
वहीं मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रहे सस्पेंस के बीच मध्यप्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रदेश के दौरे पर जाकर अपनी लोकप्रियता साबित कर रहे है। छिंदवाड़ा, श्योपुर के बाद आज मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गढ़ राघौगढ़ जा रहे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार कर रहे है कि वह मुख्यमंत्री की रेस में नहीं है। वहीं अगर राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मध्यप्रदेश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने है ऐसे में पार्टी हाईकमान एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान को मौका दे सकती है।