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Written By ND

न्यू ईयर पर एमपी के पर्यटन स्थल फुल

पर्यटन स्थलों पर महंगाई का साया

न्यू ईयर जश्न
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नए साल के जश्न के लिए मध्यप्रदेश के सभी पर्यटन स्थल सैलानियों की अगवानी में जुट गए हैं। फिलहाल, पचमढ़ी से लेकर खजुराहो, ओरछा से लेकर बांधवगढ़ और पन्ना से लेकर मांडू तक स्थिति यह है कि यहां ठहरने के लिए आसानी से कमरे मिल पाना मुश्किल हो रहा है। पर्यटन विकास निगम से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पर्यटन स्थलों पर स्थित होटलों पर न्यू ईयर को लेकर 90 फीसदी तक बुकिंग हो चुकी है।

प्रतिवर्ष नए साल का जश्न मनाने के लिए राजधानी से बड़ी संख्या में लोग सपरिवार पर्यटन स्थलों की ओर रूख करते हैं। शहर के युवाओं की पहली पसंद भी पर्यटन स्थल ही हैं, जहां पहुंचकर वह नए वर्ष के इस पल को यादगार बनाना चाहते हैं।

पर्यटन के साथ ही प्रदेश के धार्मिक स्थल जैसे ओंकारेश्वर, महेश्वर और उज्जैन में भी लोगों को 31 दिसंबर की रात के लिए होटल्स में कोई जगह नहीं मिल पा रही है। यही नहीं, बड़ी संख्या में पर्यटकों की संभावनाओं को देखते हुए इन स्थलों के होटल संचालकों ने भी विशेष पैकेज व मैन्यू तैयार किए हैं।

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यही स्थिति राजधानी के होटल्स में भी है। जानकारी के मुताबिक भोपाल के प्रमुख होटलों में न्यू ईयर के लिए 90 फीसदी तक बुकिंग हो चुकी है। साथ ही प्रदेश के प्रमुख बड़े शहर जैसे ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर के होटल्स में भी 85-90 फीसदी तक बुकिंग हो चुकी है।

मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार नए वर्ष के लिए बांधवगढ़, पन्ना, खजुराहो, कान्हा, पचमढ़ी और ओरछा जैसे प्रमुख स्थलों पर 31 दिसंबर के लिए सभी होटल्स एवं रिसोर्ट बुक हैं और यहां कोई कमरा उपलब्ध नहीं है। यही स्थिति अन्य होटल्स व रिसोर्ट की भी है।

पिछले साल के मुकाबले पर्यटन केंद्रों के होटल्स व रिसोर्ट की बुकिंग स्थिति देखें तो इस वर्ष महंगाई का साया है। बीते साल एक कपल के लिए जिस रूम का किराया 2-3 हजार रुपए तक था वह अब बढ़कर पांच-छह हजार रुपए तक जा पहुंचा है। फैमिलीज रूम का किराया भी पिछले साल की तुलना में 7-8 हजार रुपए से बढ़कर 10-12 हजार रुपए तक पहुंच गया है।

मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम से प्राप्त जानकारी के मुताबिक निगम के प्रदेश में करीब 55 होटल और रिसोर्ट हैं, जो नए वर्ष के लिए पूरी तरह बुक हो चुके हैं और इनमें कोई जगह या कमरा मिल पाना संभव नहीं है। हालांकि पर्यटन विकास निगम पर्यटन स्थलों पर वन विभाग से अतिरिक्त रूम की व्यवस्था पर भी विचार कर रहा है।