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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 25 अक्टूबर 2023 (12:50 IST)

10 साल से गढ़ रही ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में भाजपा लगा पाएगी हैट्रिक?

10 साल से गढ़ रही ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में भाजपा लगा पाएगी हैट्रिक? - Political equation of Gwalior Rural Assembly seat
कांटे के मुकाबले वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में ग्वालियर जिला राजनीतिक के केंद्र में हमेशा से रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर जिले की 6 विधानसभा सीटों में से भाजपा एक मात्र ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट जीत सकी थी। पांच साल बाद हो रहे ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में इस बार भी चुनाव मुकाबला 2018 जैसा ही नजर आ रहा है। इसकी वजह 2018 में जो दो प्रमुख उम्मीदवार आमने-सामने थे वह इस बार चुनाव मैदान में  ताल ठोंक रहे है।

गढ़ में हैट्रिक लगाने की तैयारी में भाजपा?-ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा पिछले 10 सालों से भाजपा  के गढ़ के रुप में पहचानी जाती है।  ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से वर्तमान में भाजपा के विधायक भारत सिंह कुशवाह शिवराज सरकार में मंत्री उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री है और लगातार दो बार 2013 और 2018 से ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक चुने जा चुके है। इस बार भी भाजपा ने भारत सिंह कुशवाह पर विश्वास जता कर उनको मैदान में उतारा है। टिकट मिलने के बाद सोमवार को विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद भाजपा उम्मीदवार भारत सिंह कुशवाह ने चुनावी जनसंपर्क शुरु कर दिया है।

भारत सिंह कुशवाह 2013 और 2018 का विधानसभा चुनाव जीत चुके है और नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने तीसरी बार जीतने का दावा किया है। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भारत सिंह कुशवाह ने कांग्रेस उम्मीदवार रामसेवक सिंह को और 2018 के विधानसभा चुनाव बसपा उम्मीदर साहब सिंह गुर्जर को हराया था। वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मदन कुशवाह तीसरे नंबर पर थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा ग्वालियर की 6 विधानसभा सीटों में से मात्र एक ऐसी विधानसभा थी जहां भाजपा को जीत हासिल हुई थी।

कांग्रेस ने दलबदलू पर लगाया दांव- भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस ने इस बार बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए साहब सिंह गुर्जर पर दांव लगाया है। बसपा से आए साहब सिंह को टिकट देने के बाद कांग्रेस को इस सीट पर विरोध का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस की ओर से टिकट के अन्य दावेदार केदर कंसाना ने साहब सिंह गुर्जर को टिकट देने  के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है औरर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों ग्वालियर में हुए गुर्जर आंदोलन में कांग्रेस उम्मीदवार साहब सिंह गुर्जर पर भी FIR दर्ज की गई थी। बाहुबली छवि वाले साहब सिंह गुर्जर पर गुर्जर आंदोलन में FIR के साथ जमीन कब्जाने सहित कई अन्य मामले दर्ज है।

सीट का जातीय समीकरण-ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण बहुत हावी है। कुशवाह वोटर्स के बाहुल्य वाली इस सीट पर कुशवाह मतदाताओं की संख्या 50 हजार के आसपास है। इसके साथ ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर SC-ST समाज के वोटर्स की संख्या 35 हजार के करीब है। इसके साथ गुर्जर और बघेल समाज के वोटर्स की संख्या 20 हजार के करीब है। वहीं मुस्लिम वोटर्स की संख्या 12 हजार, यादव वोटर्स की संख्या 13 हजार और ब्राह्मण समाज के वोटर्स की संख्या 11 हजार है।

इस बार चुनावी मुद्दा- ग्रामीण क्षेत्र वाली ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर इस बार चुनाव का मुख्य मुद्दा विकास से जुड़ा है। भाजपा प्रत्याशी भारत सिंह कुशवाह का दावा है कि वह पिछले 10 सालों में क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रख उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार साहब सिंह गुर्जर के एक विवादित बयान ने इस सीट पर जातीय समीकरण को फिर हवा दे दी दी है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे इस सीट पर जातीय समीकरण भी हावी होते जा रहे है।
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