अखिलेश के बयान पर शिवराज का तंज, घमंडिया गठबंधन दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती कर रहे
भोपाल। 2024 में पीएम मोदी को रोकने के लिए विपक्षी दलों का बना गया गठबंधन I.N.D.I.A अपनी पहली अग्निपरीक्षा में पास नहीं हो पाया है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के आमने सामने आने और एक दूसरे खिलाफ जमकर तीखी बयानबाजी से अब गठबंधन की भविष्य पर ही सवालिया निशान लग गया है।
वहीं विपक्षी गठबंधन में दरार पर भाजपा तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि घमंडिया गठबंधन की हालत दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती कर रहे है। जिस दिन से यह गठबंधन बना है यह अजीब गठबंधन है दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती ऐसा कहीं होता है क्या? जिस तरह का बयान सपा नेता अखिलेश यादव का आया है, उससे यह साफ़ हो चुका है कि इंडी गठबंधन बनने से पहले ही टूट गया है। इसका कोई भविष्य ही नहीं है ये घमंडिया लोग पूरी तरह बिखर गए है ।
मुख्यमत्री ने कहा कि अभी-अभी जो कल अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस ने उन्हें और सपा को एक साल तक धोखे में रखा बातें करते रहे और बाद में धोखा दे दिया। उनके कार्यकर्ता रातभर जागे, उन्हें बैठाया और उन्होंने चिरकुट जैसे जिन शब्दों का प्रयोग किया है इससे अखिलेश यादव के मन की स्थिति समझी जा सकती है कि कांग्रेस ने उन्हें कितना धोखा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आपस में भी धोखा दे रही है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस लड़ रही है, सपा लड़ रही है, आप भी बाहें चढ़ाकर सामने खड़ी है ये आपस में लड़ रहे है ये काहे का गठबंधन है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य के साथ जनता इस गठबंधन को देख रही है कि जब आज ही इस गठबंधन की यह स्थिति है, ये आपस में लड़ रहे हैं तो इनके हाथों में देश और प्रदेश का भविष्य कैसे होगा।
मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि ये घमंडिया गठबंधन है इनमें न लोगों के विचार एक हैं और न ही दिल एक है। केवल मोदी की लोकप्रियता से घबराकर ये बेमेल गठबंधन बना था जो बनने से पहले ही टूट रहा है। इस इंडी गठबंधन ने मध्यप्रदेश में रैली तय की थी उसे कमलनाथ ने कैन्सल करवा दी और घुसने से भी मना कर दिया।
कांग्रेस पर बरसे अखिलेश यादव-I.N.D.I.A.गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर कई गंभीर आरोप लगाए है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर मुझे पता होता कि गठबंधन प्रदेश स्तर पर नहीं है तो मैं कभी अपने नेताओं को दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के पास नहीं भेजता। मुझे ये भरोसा होता कि कांग्रेस पार्टी के लोग धोखा देंगे तो मैं उनकी बात का भरोसा नहीं करता। मुझे बताया गया कि 6 सीटों पर आपके लिए सोचा गया है, विचार किया गया है। और उस पर तय करेंगे। सिटिंग MLA की जगह आप सीट दे दोगे और उम्मीद करोगे कि मैं आपके बारे में सच बोलूं। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम उन मीटिंग में बैठे हैं तो हम ही कन्फ्यूज रहे होंगे। कांग्रेस के नेताओं ने हमारे साथ मीटिंग रखी। हमने उसमें अपनी पूरी परफॉर्मेंस बताई कि किन सीट पर हमारे नेता जीत के आए हैं। लेकिन जब रिजल्ट आया, सीटें घोषित की गई। तो समाजवादी पार्टी शून्य रही। अगर ये मुझे पहले पता होता तो हमारी पार्टी के लोग कभी मिलने नहीं जाते।
सपा ने उतारे उम्मीदवार-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 31 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर चुकी है। कांग्रेस से सीटों के समझौते की बात विफल होने के बाद समाजवादी पार्टी ने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया। समाजवादी पार्टी ने मुरैना जिले की सबलगढ़ सीट से लाल सिंह राठौर, जौरा सीट से रीना कुशवाहा, सुमावली से मंजू सोलंकी, दिमनी सीट से रामनारायण सकवार को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ दमोह जिले की जेबरा सीट से लखन लाल यादव और सिंगरौली सीट से ओम प्रकाश सिंह को और भोपाल जिले की नरेला विधानसभा सीट से शमसुल हसन को चुनावी मैदान में उतारा है।गौर करने वाली बात यह है कि समाजवादी पार्टी ने जातीय समीकरण को भी टिकट बंटवारे में साधने की कोशिश की है। समाजवादी पार्टी का फोकस ग्वालियर-चंबल के साथ बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र पर है। यह मध्यप्रदेश का वह इलाका है जहां जो उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है और इन इलाकों में दोनों ही पार्टियों का बड़ा वोट बैंक भी है।