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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 27 सितम्बर 2023 (16:22 IST)

मध्यप्रदेश में एक तिहाई सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर BJP ने बनाई बढ़त, बड़ा सवाल क्या बदलेगा माहौल?

मध्यप्रदेश में एक तिहाई सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर BJP ने बनाई बढ़त, बड़ा सवाल क्या बदलेगा माहौल? - Did BJP take lead by announcing names of candidates on one-third seats in Madhya Pradesh?
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले भाजपा ने एक तिहाई सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर कांग्रेस से बढ़त बना ली है। पार्टी ने अब तक 78 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा दिया है। वहीं भाजपा के दिग्गज चेहरों के उम्मीदवार के तौर पर  चुनावी मैदान में उतरने के बाद पूरा चुनावी माहौल हाईवोल्टेज हो गया है। वहीं कांग्रेस ने अभी विधानसभा चुनाव के लिए एक भी उम्मीवार के नाम का एलान नहीं किया है ।

बड़े-पुराने चेहरों पर BJP का दांव-भाजपा ने अब तक 78 उम्मीदवारों  की जो सूची जारी की है उसमें दिग्गज और पुराने नेताओं को तरजीह दी है। पार्टी ने उम्मीदवारों की अपनी  दूसरी सूची में 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतार बड़ा दांव चल दिया है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाना है। पार्टी ने 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उताकर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है।  वहीं भाजपा ने अपनी सूची में पुराने नेताओं में शामिल मधु वर्मा और ध्रुव नारायण सिंह जैसे चेहरों को युवाओं नेताओं पर तरजीह दी थी।

उम्मीदवारों के चयन में भाजपा ने बनाई बढ़त- ऐसे में जब मध्यप्रदेश में चुनावी मुकाबला काफी कांटे का माना जा रहा है, तब भाजपा ने एक तिहाई सीटों पर उम्मीदवारों के नामों  का एलान कर कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है। चुनाव की तारीखों के एलान से पहले उम्मीदवारों को नामों के एलान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि पार्टी ने चुनाव की तारीखों के एलान से पहले 78 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने चुनाव से 100 दिन पहले 39 प्रत्याशियों की सूची जारी कर ऐतिहासिक निर्णय लिया था। अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने 39 नए प्रत्याशियों की घोषणा की है। अभी तक 78 प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है। यह पार्टी नेतृत्व का विल पावर है, कॉन्फिडेंस है जिन्होंने हमारे इतने प्रत्याशियों को घोषित कर चुनावी मैदान में उतार दिया है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव में भाजपा को बढ़त है और सभी प्रत्याशी चुनाव में जीतकर आने वाले हैं।

वहीं केंद्रीय नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने पर वीडी शर्मा ने कहा कि  पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा की ताकत हैं। इन सभी ने अथक मेहनत और परिश्रम से पार्टी को यहां तक पहुंचाया है वह अनुभवी नेतृत्व आज चुनाव मैदान में उतरे हैं और प्रचंड बहुमत से फिर सरकार बनेगी।

कांग्रेस की वेट और वॉच रणनीति- वहीं दूसरी ओर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अब तक एक भी सीट पर उम्मीदवारों के नाम का एलान नहीं किया है, जबकि कांग्रेस पहले से दावा कर रही थी कि वह सितंबर में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची के नामों का एलान कर देंगे। दरअसल कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों को लेकर अभी वेट एंड वॉच की रणनीति अपना रखी है। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश में आर्दश आचार संहिता लगने का का वेट कर रहा है और इसके बाद वह पहले चरण में 100 से अधिक उम्मीदवारों के नामों का एलान कर देगा।

वहीं भाजपा की उम्मदीवारों की सूची प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा जितने सजावटी उम्मीदवार ला रही है, जनता का आक्रोश उतना ही ज़्यादा बढ़ रहा है, कारण स्पष्ट हैं। जनता मान रही है कि जो मंत्री चुनाव लड़ेंगे, उनका मंत्रालय जो पहले से ही सुप्त है अब और भी निष्क्रिय हो जायेगा, तो फिर जनता के रुके हुए काम कैसे होंगे। इस वजह से आक्रोश बढ़ रहा है। जो सत्ताधारी सासंद चुनाव लड़ेंगे उनका संसदीय क्षेत्र उपेक्षित होगा, जिसका ख़ामियाज़ा जनता ही भुगतेगी। इस वजह से आक्रोश बढ़ रहा है। ये तथाकथित बड़े लोग पार्टी के दबाव में बेमन से लड़ेंगे और हारेंगे तो जनता के ख़िलाफ़ हो जाएँगे, जिसके कारण जनता उनकी उपेक्षा और उनके उत्पीड़न का शिकार होगी। इस वजह से आक्रोश बढ़ रहा है। यदि भाजपा के कोई एक-दो सांसद जोड़, जुगत, जुगाड़ से चुनाव जीत भी गये तो फिर बाद में विधायक के पद से इस्तीफ़ा देकर आगामी लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, जिससे उप चुनाव का खर्चा होगा, जो जनता के टैक्स की ही बर्बादी होगी। इस वजह से आक्रोश बढ़ रहा है। जनता के बढ़ते आक्रोश को देखकर भाजपा के अधिकांश नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता, सदस्य और समर्थक भूमिगत से हो गये हैं तथा जन-सेवा के लिए समर्पित कुछ अच्छे नेता अन्य विकल्प तलाश रहे हैं।
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