बालाघाट पोस्टल बैलेट मामले में कलेक्टर को सस्पेंड करने की मांग, कमलनाथ ने बताया अक्षम्य अपराध
भोपाल। मध्यप्रदेश में काउंटिंग से पहले बालाघाट में पोस्टल बैलेट से कथित तौर पर छेड़छाड़ को लेकर अब कांग्रेस हमलावर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा लोकतंत्र के बुनियादी उसूल हैं। कल बालाघाट में डाक मतपत्रों को जिस तरह से खोला गया, वह गंभीर कदाचरण है। उसके बाद सरकारी मशीनरी और जिम्मेदार अधिकारियों ने जिस तरह से इस कृत्य को सही साबित करने की कोशिश की, वह और भी अक्षम्य अपराध है”।
कमलनाथ ने आगे लिखा कि “मैं चुनाव प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारियों को याद दिलाना चाहता हूं कि इस समय वह निर्वाचन आयोग के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं, जो मध्य प्रदेश सरकार से अलग एक स्वायत्त संस्था है। वे इस समय किसी पार्टी या मंत्री के मातहत काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए सभी अधिकारी कर्मचारियों से निवेदन है कि वह किसी भी असंवैधानिक या गैरकानूनी आदेश का पालन न करें और सिर्फ वही कार्य करें जो करना उनका प्रशासनिक दायित्व है। एक-एक अधिकारी और कर्मचारी की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट जनता के पास है। मैं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करता हूं कि वह अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए कड़े से कड़े संघर्ष के लिए तैयार रहें। 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर जनता की मोहर लग जाएगी। इसलिए वे निर्द्वंद्व होकर अपने कार्य में जुट जाएं”।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि “बालाघाट ज़िले में पोस्टल बैलेट की प्राप्ति व गिनती में केंद्रीय चुनाव आयोग के नियम व निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है। जिसकी पूरी जवाबदेही ज़िला कलेक्टर व पोस्टर बैलेट के रिटर्निंग ऑफ़िसर की होती है। इसलिए दोनों अधिकारियों का तत्काल निलंबन कर अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। केवल नोडल अफ़सर का निलंबन करना पर्याप्त नहीं है”।
बालाघाट प्रशासन की सफाई-वहीं पूरे मामले पर बालाघाट जिला प्रशासन ने सफाई दी है। प्रशासन का दावा है कि उम्मीदवारों और राजनीतिक दल के प्रतिनिधि को सूचना देने के बाद डाक मत पत्र का स्ट्रांग रूम खोला गया। प्रशासन के मुताबिक बालाघाट विधानसभा- 111 के डाक मत पत्र के शॉर्टिंग के लिए विधानसभा में विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को भी जानकारी दी गई थी। उनकी उपस्थिति में हुए कार्य के बाद स्ट्रांग रूम बन्द करते समय पंचनामा भी बनाया गया था। जिस पर मौके पर मौजूद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर किए गए है।
रिटर्निंग अधिकारी गोपाल सोनी के मुताबिक विधानसभा निर्वाचन अंतर्गत स्थानीय तहसील कार्यालय बालाघाट में डाक मत पत्रों का अस्थायी स्ट्रांग रूम बनाया गया है। इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को भी दी गई है। इस बीच एक वीडियो वायरल कर यह बताने के प्रयास किये जा रहे है कि डाक मत पत्रों का स्ट्रांग रूम खोलकर मतों की गणना की जा रही है। रिटर्निग अधिकारी गोपाल सोनी ने वायरल वीडियो को लेकर कहा ऐसा कोई कार्य स्ट्रांग रूम खोलकर नही किया जा रहा है। निर्वाचन की प्रक्रिया अनुसार प्रतिदिन प्राप्त होने वाले इटीबीपीएस को दोपहर 3 बजे स्ट्रांग रूम खोलकर रखा जाता है। यह अभ्यर्थी व राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया। सोमवार को जब अस्थायी स्ट्रांग रूम खोला गया तब राजनीतिक दलों व अभ्यर्थियों की प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पूर्व से सुविधा केंद्र से प्राप्त डाक मत पत्रों को विधान सभा वार छंटाई की गई। इस कार्य करते समय किसी के द्वारा वीडियो बनाकर भ्रम फैलाने की कोशिश की गई। यदि ऐसा कृत्य किया जाता है तो धारा-188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।