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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 2 मई 2025 (17:49 IST)

रिलेशनशिप में फील हो रहा है अकेलापन? जानिए ये 5 बड़े संकेत जो बताते हैं कि आपका रिश्ता भी है साइलेंट डाइवोर्स का शिकार

what is a silent divorce in a relationship in hindi
what is a silent divorce in a relationship in hindi: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में रिश्ते कई बार दिखते कुछ हैं और होते कुछ और। बाहर से सब कुछ परफेक्ट दिखता है, कपल साथ रह रहे हैं, सोशल मीडिया पर तस्वीरें डाल रहे हैं, परिवार के बीच सामान्य व्यवहार कर रहे हैं, लेकिन अंदर ही अंदर उनका रिश्ता दम तोड़ चुका होता है। यही है Silent Divorce यानी मौन तलाक। ये वो स्थिति होती है जब दो लोग कानूनी रूप से साथ होते हैं लेकिन भावनात्मक रूप से बिल्कुल अलग हो चुके होते हैं। उनके बीच बातचीत नहीं होती, इमोशनल कनेक्शन खत्म हो जाता है, और वे एक-दूसरे की ज़रूरतों, इच्छाओं और भावनाओं से पूरी तरह अनजान हो जाते हैं। Silent Divorce आज के मॉडर्न रिश्तों की सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।
 
साइलेंट डाइवोर्स क्या है?
साइलेंट डाइवोर्स का मतलब है बिना किसी आधिकारिक तलाक के रिश्ते का धीरे-धीरे, चुपचाप खत्म हो जाना। ये ऐसा तलाक है जो कागजों पर नहीं होता, लेकिन दिलों और दिमाग में बहुत पहले हो चुका होता है। पार्टनर्स एक छत के नीचे रहते हैं लेकिन उनके बीच कोई संवाद नहीं होता। न कोई इमोशनल बॉन्डिंग, न ही फिजिकल इंटीमेसी। वो एक-दूसरे के साथ सिर्फ बच्चों, जिम्मेदारियों या सामाजिक दिखावे के लिए रह जाते हैं। धीरे-धीरे यह स्थिति दोनों को अकेलेपन, अवसाद (depression) और फ्रस्ट्रेशन की तरफ ले जाती है।
 
साइलेंट डाइवोर्स के संकेत: कैसे पहचानें कि आप इस स्थिति में हैं?
1. बातचीत का न होना: अगर आप और आपका पार्टनर अब एक-दूसरे से केवल जरूरी बातें करते हैं, जैसे बिल भरना, बच्चों का स्कूल, राशन लाना, तो यह एक बड़ा संकेत है। पहले जहां घंटों बात होती थी, अब खामोशी छा गई है।
 
2. इमोशनल दूरी: आपके पास खुशखबरी हो या परेशानी, अब आप सबसे पहले अपने पार्टनर से शेयर नहीं करते। वो व्यक्ति जो कभी आपका सबसे करीबी था, अब सबसे दूर लगता है।
 
3. फिजिकल इंटीमेसी का खत्म होना: मौन तलाक की एक और बड़ी पहचान है कि आपके बीच शारीरिक नजदीकियां खत्म हो चुकी हैं। न हाथ पकड़ना, न हग, न ही रोमांटिक स्पर्श। एक अजीब सी दूरी दोनों के बीच आ जाती है।
 
4. साथ होते हुए भी अकेलापन महसूस होना: जब आप दोनों एक ही घर में हों, लेकिन आप अपने आप को बिल्कुल अकेला महसूस करें, तो ये साइलेंट डिवोर्स की गंभीर स्थिति है।
 
5. एक-दूसरे की जिंदगी में इंटेरेस्ट का खत्म हो जाना: अब न आप जानना चाहते हैं कि आपके पार्टनर के दिन कैसा गया, और न ही उन्हें फर्क पड़ता है कि आप खुश हैं या नहीं। एक भावनात्मक डिसकनेक्ट साफ दिखाई देता है।
 
साइलेंट डाइवोर्स क्यों होता है?
इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं:
  • कम्युनिकेशन गैप: जब सालों तक छोटी-छोटी बातें अनकही रह जाती हैं, तो एक बड़ा फासला बन जाता है।
  • अनसुलझे झगड़े: जब पुराने झगड़े कभी सुलझाए ही नहीं जाते, तो रिश्ता अंदर से खोखला हो जाता है।
  • बच्चों या सामाजिक दबाव के कारण साथ रहना: कई बार कपल बच्चों के लिए या समाज के डर से साथ रहते हैं लेकिन मन से अलग हो जाते हैं।
  • जिम्मेदारियों की थकान: लगातार जिम्मेदारियों का बोझ, करियर प्रेशर और फाइनेंशियल तनाव रिश्ते को भावनात्मक रूप से थका देता है।
साइलेंट डाइवोर्स के प्रभाव
  • मानसिक स्वास्थ्य पर असर: व्यक्ति अवसाद, चिंता, अकेलापन और low self-esteem से जूझने लगता है।
  • बच्चों पर असर: जब बच्चे अपने माता-पिता को बिना प्यार और समझदारी के एक साथ रहते हुए देखते हैं, तो उनके अपने रिश्तों को लेकर धारणा नकारात्मक बनती है।
  • समाज में दिखावा: कपल्स सिर्फ दुनिया को खुश दिखाने के लिए साथ रहते हैं, जिससे अंदर का घाव और गहरा होता जाता है।
साइलेंट डाइवोर्स से कैसे बचा जा सकता है?
  • खुलकर संवाद करें: हर रिश्ता संवाद पर टिका होता है। अगर आप कुछ महसूस कर रहे हैं, तो बिना डर, शर्म या क्रोध के उसे सामने रखें।
  • काउंसलिंग लें: रिलेशनशिप काउंसलिंग या कपल्स थेरेपी अब कोई टैबू नहीं रही। एक प्रोफेशनल की मदद लेना रिश्ते को फिर से संवार सकता है।
  • क्वालिटी टाइम साथ बिताएं: बच्चों, काम और सोशल मीडिया से थोड़ा समय निकालकर एक-दूसरे के साथ जुड़ें। पुराने दिनों की यादें ताज़ा करें।
  • सुनना और समझना सीखें: सिर्फ बोलना नहीं, सुनना भी उतना ही जरूरी है। अपने पार्टनर की बातों और भावनाओं को समझने की कोशिश करें।