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Last Updated : बुधवार, 3 अप्रैल 2024 (11:43 IST)

छिंदवाड़ा के रण में कमलनाथ की बहू प्रियानाथ का इमोशनल दांव, अग्निपरीक्षा के समय अपनों ने दिया धोखा

छिंदवाड़ा के रण में कमलनाथ की बहू प्रियानाथ का इमोशनल दांव, अग्निपरीक्षा के समय अपनों ने दिया धोखा - Priyanath emotional bet in Chhindwara Lok Sabha elections
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके परिवार की प्रतिष्ठा लोकसभा चुनाव में दांव पर लग गई है। छिंदवाड़ा के कांग्रेस नेताओं के लगातार भाजपा में शामिल होने के बाद अब नकुलनाथ की पत्नी प्रियानाथ ने इमोशनल दांव चला है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी लगातार छिंदवाड़ा से अपने रिश्तों को याद करके लोगों से वोट की अपील कर रहे है।

छिंदवाड़ा के चौरई में चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की बहू और कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ की पत्नी प्रियानाथ ने दल बदलुओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनको हमने अपना माना उन्होंने अग्नि परीक्षा के समय धोखा दिया। उन्होंने कहा “जब मैं पिता जी (कमलनाथ) जो देखती हूं तो दुख होता है। जिन्हें हमें अपना समझा और जिन्हें हमेशा अपने परिवार की तरह प्यार दिया, कमलनाथ जी ने आशीर्वाद दिया और जब उनकी अग्निपरीक्षा का समय आया,तो उन्होंने धोखा दिया।

इतना ही नहीं प्रियानाथ ने लोगों बातचीत करते हुए छिंदवाड़ा से कमलनाथ और पूरे परिवार के रिश्तों को याद करते हुए कहा कि कमलनाथ परिवार की असली ताकत छिंदवाड़ा की जनता है। हम 44 साल से जनता के साथ है और 44 दिन में कोई इसे खत्म नहीं कर सकता है और छिंदवाड़ा में नई क्रांति करेंगे।

कमलनाथ का साथ छोड़ रहे कांग्रेस नेता-लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के करीबी नेता लगातार उनका साथ छोड़ रह है। पिछले दिनों छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह भी कमलनाथ का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके है। कमलेश शाह के साथ उनकी पत्नी और हरई नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह औऱ जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम भी भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहाके के साथ छिंदवाड़ा नगर निगम सभापति प्रमोद शर्मा, अनुसूचित जाति विभाग के जिला अध्यक्ष  सिद्धांत थनेसर के साथ एनएसयूआई के कई नेता भी भाजपा में शामिल हो गए।

इससे पहले कमलनाथ के बेहद करीबी दीपक सक्सेना के बेटे भी भाजपा में शामिल हो चुके  है। दीपक सक्सेना के भी भाजपा के साथ जाने की अटकलें लगातार लगाई जा रही है। वहीं कमलनाथ के करीबी सैय्यद जाफर के साथ अब तक छिंदवाड़ा के कांग्रेस के 5 हजार से अधिक नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके है।   

दांव पर कमलनाथ की प्रतिष्ठा-लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा में कमलनाथ की प्रतिष्ठा  दांव पर लगई  है। 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी भाजपा कांग्रेस के अभेद दुर्ग कहलाने वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर जीत नहीं दर्ज कर सकी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भाजपा छिंदवाड़ा जिले में अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। ऐसे में अब भाजपा जो लोकसभा चुनाव में इस बार सभी 29 लोकसभा सीट जीतने के लक्ष्य के साथ उतरी है उसके सामने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भगवा लहराना एक बड़ी चुनौती है।

 

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