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Written By विकास सिंह
Last Modified: मंगलवार, 2 अप्रैल 2019 (10:53 IST)

लोकसभा चुनाव में किंगमेकर बनेंगे युवा वोटर, 280 से अधिक सीटों पर बन सकते हैं गेमचेंजर

लोकसभा चुनाव में किंगमेकर बनेंगे युवा वोटर, 280 से अधिक सीटों पर बन सकते हैं गेमचेंजर - Youth voters will be king maker in Loksabha election
2019 में दिल्ली की सत्ता पर कौन काबिज होगा। इसको तय करने में युवा वोटर की बहुत बड़ी भूमिका होने जा रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस बार डेढ़ करोड़ ऐसे युवा मतदाता है जो पहली बार वोट करेंगे। चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों को देखा जाए तो ये पता चलता है कि 280 से अधिक सीटों पर युवा वोटर इतनी बड़ी संख्या में हैं कि वो उम्मीदवारों का भाग्य तय कर सकते हैं।
 
2019 के आम चुनावों में देश के कुल 90 करोड़ वोटरों में करीब 8.40 करोड़ वोटर नए हैं। अगर बात करें मध्य प्रदेश की तो सूबे में युवा वोटरों की संख्या 13 लाख 60 हजार 554 हैं, वहीं देश में सबसे अधिक युवा वोटरों की संख्या पश्चिम बंगाल में हैं।
 
युवा वोटरों की संख्या इतनी अधिक है कि वो सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका अदा कर सकते है, वोट की इसी ताकत के चलते हर पार्टी और उम्मीदवारों की नजर युवाओं और नए मतदाताओं पर टिकी हैं। इसी लिए चुनाव की तारीखों के एलान होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा वोटरों को संबोधित करते हुए उनसे अधिक से अधिक वोट करने की अपील की हैं।
 
2014 के चुनाव आंकड़ों को विश्लेषण करने पर पता चलता है कि बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में युवा वोटरों ने निर्णायक भूमिका अदा की थी। चुनाव आयोग के आंकड़ों को देखे तो एक नई बात निकलकर सामने आती हैं कि इस बार पहली बार होगा जब 21 वीं सदीं में जन्मे लोग पहली बार मतदान करेंगे। ये युवा वोटर पहली बार देश में नई सरकार को चुनने के लिए वोट डालेंगे।
 
एक अनुमान के मुतबिक देश की हर लोकसभा सीट पर करीब 27 हजार ऐसे मतदाता होंगे जो पहली बार वोट करेंगे, इसके साथ ही हर लोकसभा सीट पर औसतन 1.50 लाख युवा वोटर है। चुनाव से जुड़ी एजेंसियों की रिपोर्ट का आंकलन करने पर पता चलता है कि 29 राज्यों में 18 से 29 साल तक की उम्र के ऐसे युवा वोटरों की संख्या करीब नौ करोड़ के आसपास है जो 280 से अधिक सीटों पर बाजी पलटने की ताकत रखते हैं।
 
2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 2019 के आम चुनाव में देश में कुल नौ करोड़ मतदाता बढ़े है जिनमें डेढ़ करोड़ मतदाताओं की उम्र 18 से 19 साल के बीच की है। इस चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रही दीक्षा पाटिलकर कहती हैं कि वो अपने मताधिकार का मूल्य जानती है इसलिए सोच समझकर वोट करेगी।
 
इसके साथ ही भोपाल की बैरासिया की रहने वाली अनुकृति गट्टानी कहती हैं कि वो शहर के विकास को गति देने वाले ऐसे उम्मीदवार को वो वोट करेगी जो स्थानीय हो और उनके सुख दुख में उनके साथ रह सके। अनुकृति कहती हैं कि युवा अपने वोट की वैल्यू समझता है क्योंकि देश को बनाने में हर वोट महत्वपूर्ण होता है।
         
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