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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 18 मई 2019 (15:09 IST)

मोदी से मुकाबले के लिए महागठबंधन का सीक्रेट महामिशन

मोदी से मुकाबले के लिए महागठबंधन का सीक्रेट महामिशन - secret maha mission of Mahagathbandhan
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आखिरी चरण का प्रचार थम चुका है। अब 19 मई को सातवें और अंतिम चरण के लिए वोट डाले जाएंगे और 23 मई को चुनाव परिणाम आ जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह को पूर्ण बहुमत का भरोसा है, वहीं विपक्ष एक बार फिर गठबंधन की कवायद में जुट गया है।

आज टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर भाजपा विरोधी मोर्चे को और मजबूत बनाने पर चर्चा की। वह बसपा प्रमुख मायावती से भी मुलाकात करेंगे।
 
विपक्ष ये मान चुका है कि इस लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं होगा। इसे देखते हुए टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने के प्रयास में जुट गए हैं।  इसी क्रम में नायडू ने शुक्रवार देर शाम दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। यह भी माना जा रहा है कि नायडू ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की।

कहा जा रहा है कि नायडू ममता बनर्जी समेत उन सभी नेताओं के संपर्क में है जिनके बगैर यह महागठबंधन नहीं बन सकता। कुल मिलाकर मोदी से मुकाबले के लिए विपक्ष अब महागठबंधन के सीक्रेट महामिशन पर है।

भाजपा के साथ नहीं जाएंगे यह विपक्षी नेता : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस लोकसभा चुनाव में संप्रग एवं दूसरी धर्मनिरपेक्ष पाटियों के अधिकतर सीटें जीतने की उम्मीद जताते हुए शुक्रवार को दावा किया कि बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा मुखिया अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और तेदेपा अध्यक्ष एन. चन्द्रबाबू नायडू चुनाव के बाद भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।
 
उनके इस बयान को चुनाव बाद गठबंधन की संभावना के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) इस चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं हैं। गांधी ने यह भी कहा कि चुनाव बाद सरकार गठन के प्रयासों में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी के अनुभव का फायदा उठाया जाएगा।
 
कांग्रेस नेतृत्व के लिए तैयार : कांग्रेस ने कहा कि वह एक प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन को लेकर प्रतिबद्ध है और गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। विपक्षी दलों को साथ लाने के लक्ष्य से संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने विश्वासपात्र नेताओं से कहा है कि वे 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही एक बैठक बुलाएं।
 
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'यह सच नहीं है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के लिए दावा नहीं करेगी। कांग्रेस सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी है, यदि सरकार को पांच साल चलाना है तो उसे मौका मिलना चाहिए।' 
 
कांग्रेस होगी सबसे बड़ी पार्टी : आजाद की टिप्पणी के बारे में सवाल करने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि वे भिन्न मतों वाले लोगों और राजनीतिक दलों को साथ लेकर चलना चाहेंगे। अगर जरूरत महसूस हुई तो हम उन्हें साथ लेकर चलने के लिए अपनी ओर से कोशिश करेंगे और मुझे लगता है कि गुलाम नबी जी जो कह रहे हैं, वह इससे अलग नहीं है।'
 
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस को विश्वास है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वासन देता हूं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश में प्रगतिशील, उदारवादी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन के लिए प्रतिबद्ध है।