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Last Updated : शनिवार, 25 मई 2019 (15:54 IST)

शतरंज के शौकीन अमित शाह ने किया कमाल, जानिए उनकी सफलता के बारे में 5 खास बातें

शतरंज के शौकीन अमित शाह ने किया कमाल, जानिए उनकी सफलता के बारे में 5 खास बातें - 5 important things about Amit Shah Success
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आखिर 300 प्लस का लक्ष्य हासिल कर ही लिया। पार्टी की इस सफलता का श्रेय नरेंद्र मोदी के साथ ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को भी दिया जा रहा है। आइए जानते हैं अमित शाह की सफलता के बारे में 5 खास बातें... 
 
घर पर चाणक्य का फोटो : अमित शाह को भाजपा का चाणक्य कहा जाता है। वह खुद भी चाणक्य के बहुत बड़े फैन हैं। उनके घर पर चाणक्य का फोटो भी लगा है। चाणक्य में गहरी दिलचस्पी और राजनीतिक कूटनीतिक क्षमता की वजह से ही उन्होंने भारतीय राजनीति में यह मुकाम हासिल किया और 2019 के चुनाव में पार्टी को ऐतिहासिक सफलता मिली। 
शतरंज के शौकीन हैं  : भाजपा अध्यक्ष को शतरंज खेलने के शौकीन है। अपने इसी शौक की वजह से उन्होंने इस चुनाव को शतरंज की तरह देखा। उन्होंने बूथ से लेकर चुनाव मैदान तक प्रबंधन और प्रचार की ऐसी सधी हुई बिसात बिछाई हैं कि विपक्ष के राजनीतिक धुरंधर भी उनके सामने ढेर हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं कांग्रेस उन सीटों पर भी चुनाव हार गई जहां से उनकी जीत तय मानी जा रही थी।
 
वे तत्काल फैसला लेते हैं : अमित शाह एक बेहतरीन रणनीतिकार है। वे स्थिति को तुरंत भांप लेते हैं और संयमित रूप से तत्काल फैसला लेने में माहिर माने जाते हैं। यह उनका ही कमाल था कि भाजपा ने कई बार अपनी रणनीति बदली और चुनाव परिणामों ने राजनीतिक विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया। विकास के स्थान पर राष्‍ट्रवाद को चुनावी मुद्दा बनाने में भी उनकी बड़ी भूमिका थी। मोदी सरकार ने जो विकास किया वह तो सभी ने देखा और राष्‍ट्रवाद के मुद्दे से भी उन्होंने जुड़ाव को महसूस किया।
 
जोखिम उठाने से घबराते नहीं : शाह की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह जोखिम उठाने से बिल्कुल भी नहीं घबराते हैं। इस चुनाव में भी उन्होंने कई जोखिम भरे फैसले लिए। पार्टी ने 75 प्लस का फार्मूला अपनाया और लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन समेत कई दिग्गजों के टिकट काट लिए। ऐसा लग रहा था कि इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 
 
 
लोगों और अवसरों की उन्हें अच्छी समझ है : इस दिग्गज भाजपाई में लोगों और अवसरों की समझ कमाल की है। उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय को न सिर्फ पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी सौंपी बल्कि उन पर पूरा भरोसा जताते हुए पर्याप्त समय भी दिया। इसी का परिणाम था कि भाजपा ने यहां बड़ी जीत दर्ज की। ऐसा ही कुछ राजस्थान में भी देखने को मिला जहां प्रकाश जावड़ेकर ने 3 माह में ही कांग्रेस के असर को बेअसर कर दिया और उसका सूपड़ा साफ कर दिया। 
 
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