गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. What would happen if the people of India, America entered the war in Ukraine
Written By DW
Last Updated : सोमवार, 14 मार्च 2022 (18:19 IST)

भारत, अमेरिका के लोग रूस - यूक्रेन युद्ध में उतरे तो क्या होगा?

भारत, अमेरिका के लोग रूस - यूक्रेन युद्ध में उतरे तो क्या होगा? Russia Ukraine war - What would happen if the people of India, America entered the war in Ukraine
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कई देशों के हजारों लोग यूक्रेन की रक्षा के लिए मदद करने और लड़ने जाना चाहते हैं। इनमें से कई देशों के कानून इसकी अनुमति नहीं देते। अगर ये लोग सचमुच लड़ने पहुंच गए तो क्या होगा?
  
कनाडा, जॉर्जिया, भारत, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका उन देशों में शामिल हैं जहां के आम लोग यूक्रेन की मदद के लिए युद्ध में अपनी मर्जी से जाना चाहते हैं। इस बारे में कई समाचार एजेंसियों ने खबर दी है। इन देशों के कानून का इस बारे में क्या कहना है?
 
अमेरिका
 
अमेरिका के नागरिक किसी और देश की सेना में अगर नौकरी करें तो इस पर कोई पाबंदी नहीं है। अमेरिकी विदेश विभाग की वेबसाइट पर इसका जिक्र है। अगर कोई अमेरिकी नागरिक किसी ऐसे देश के खिलाफ युद्ध में शामिल होता है जिसके साथ अमेरिका के रिश्ते शांतिपूर्ण हैं तो वह नागरिक अपनी मर्जी से अमेरिकी नागरिकता छोड़ सकता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों से यह साफ है कि सिर्फ विदेशी सेना में नौकरी के आधार पर किसी अमेरिकी की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती।1794 में अमेरिका ने न्यूट्रलिटी एक्ट नाम से एक कानून बनाया था। यह कानून अमेरिकी नागरिकों को ऐसे देशों के खिलाफ युद्ध करने से रोकता है जिनके अमेरिका के साथ शांतिपूर्ण संबंध हैं। इसके लिए अमेरिकी नागरिक को तीन साल की कैद भी हो सकती है।
 
यह कानून रूस के खिलाफ युद्ध में स्वेच्छा से शामिल होने वाले लोगों पर तकनीकी रूप से लागू किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल 2014 में गांबिया में तख्तापलट की कोशिश करने वाले अमेरिकी लोगों के खिलाफ किया गया था। इस मौके के अलावा आधुनिक इतिहास में इस कानून का इस्तेमाल शायद ही कभी हुआ हो। वॉशिंगटन में अमेरिकन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड मैलेट का कहना है, 'घरेलू आतंकवाद के लिंक गायब हैं, मेरे लिए यह कल्पना मुश्किल है कि अमेरिकी लोगों के यूक्रेन जाने के लिए उन पर मुकदमा चलेगा।'
 
ब्रिटेन
 
ब्रिटेन की विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक यूक्रेन जा कर लड़ने वाले वॉलंटियर के वापस लौटने पर उन्हें अभियोग का सामना करना पड़ सकता है। ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह बताने से इनकार कर दिया कि उन्हें क्या सजा मिल सकती है।
 
ब्रिटेन के फॉरेन एलिस्टमेंट एक्ट को 1870 में संशोधित किया गया था। यह कानून नागरिकों को ब्रिटेन के साथ शांति से रहने वाले देशों के खिलाफ युद्ध करने से रोकता है। हालांकि यह कानून आधुनिक दौर में हुई लड़ाइयों में अब तक इस्तेमाल नहीं हुआ है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने शुरुआत में तो यूक्रेन में जा कर लड़ने वाले वॉलंटियरों के साथ समर्थन जताया लेकिन बाद में वहां जाने वालों को साफ चेतावनी दी। ऐसी खबरें आई हैं कि ब्रिटेन की सेना के कुछ लोग जो फिलहाल छुट्टी पर हैं, हो सकता है वे यूक्रेन में हों। हालांकि इन खबरों की पुष्टि नहीं हुई है।
 
ऑस्ट्रेलिया
 
ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने देश के नागरिकों से आग्रह किया है कि वो यूक्रेन में चल रहे युद्ध में शामिल ना हों। पिछले महीने उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि 'विदेश नागरिक योद्धा' के रुप में शामिल होने वाले नागरिकों को लेकर कानून तौर पर कुछ 'अनिश्चित स्थितियां' हैं।
 
भारत
 
भारत के गृह मंत्रालय ने यूक्रेन जा कर युद्ध में शामिल होने वाले नागरिकों के बारे में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। 2015 में भारतीय नागरिकों के इराक जा कर युद्ध करने के मामले में मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि भारतीय लोगों को दूसरे देशों के संघर्ष में शामिल होने की अनुमति देने से , 'यह आरोप लगेंगे कि भारत सरकार दूसरे देशों में आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है।'
 
क्या किसी देश ने नागरिकों को जाने की मंजूरी दी है?
 
जर्मनी ने कहा है कि वह यूक्रेन जा कर लड़ने वाले वॉलंटियरों के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाएगा। हालांकि पिछले दिनों संघीय पुलिस ने कहा था कि वह ऐसे चरमपंथियों पर नजर रख रही है जो यूक्रेन जा सकते हैं। पुलिस ने कहा था कि ऐसे वॉलंटियरों को रोका भी जा सकता है। इसके बाद यह भी खबर आई थी कि जो कुछ लोग गए, वो वापस आ गए हैं। इनकी संख्या बहुत कम बताई जा रही है।
 
डेनमार्क और लातविया ने कहा है कि वो अपने नागरिकों के स्वेच्छा से जाने पर रोक नहीं लगाएंगे। कनाडा की रक्षा मंत्री अनिता आनंद ने भी कहा है कि कोई कनाडाई नागरिक अगर स्वच्छा से जाना चाहता है तो यह 'उसका अपना फैसला है।'
 
विदेशी लड़ाके पकड़े गए तो क्या होगा?
 
इस्राएल के लाउडर स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, डिप्लोमेसी एंड स्ट्रैटजी के प्रोफेसर डाफ्ने रिचमंड बराक का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक, रूसी सेना को विदेशी लड़ाकों के साथ युद्धबंदियों वाला व्यवहार करना होगा चाहे उनकी नागरिकता कहीं की हो। इसका मतलब है कि रूसी सैनिकों को पकड़े गए वालंटियरों को खाना, पानी और इलाज की सुविधा देनी होगी।
 
हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने पिछले हफ्ते कहा था कि यूक्रेन में लड़ने वाले पश्चिमी देशों के लड़ाकों के साथ कानूनी योद्धाओं वाला व्यवहार नहीं किया जाएगा और उन पर आपराधिक मुकदमा चलेगा या फिर उससे बुरा भी हो सकता है।
 
क्या वॉलंटियरों पर मुकदमा चल सकता है?
 
वॉलंटियर यूक्रेन की सेना के सदस्य के रूप में लड़ाई में शामिल होंगे ऐसे में उनके अपने देश में उन पर मुकदमा चले इसकी आशंका कम है। हालांकि अगर युद्ध अपराध या इस तरह की किसी गतिविधि में वो शामिल होते हैं तो बात अलग होगी और तब उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
 
यूक्रेन की तरफ से युद्ध में शामिल होने के लिए दुनिया भर के करीब 20 हजार लोगों ने इच्छा जताई है। हालांकि इनमें से कितने लोग वास्तव में ऐसा कर पाए हैं या करने वाले हैं, इसकी आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी अब तक नहीं मिली है। दूसरी तरफ रूस का भी कहना है कि सीरिया और मध्यपूर्व के कुछ देशों के लड़ाके यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की तरफ से लड़ने के लिए तैयार हैं। रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर ने उन्हें इसमें शामिल करने को मंजूरी भी दे दी है। सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने वाले कुछ स्थानीय गुट इस युद्ध में शामिल हो सकते हैं।
 
एनआर/आरएस (रॉयटर्स)
ये भी पढ़ें
रूसी टीवी चैनल पर लाइव शो में चली आई युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारी