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Last Modified: शुक्रवार, 2 नवंबर 2018 (11:56 IST)

उत्तर कोरिया: "उनके लिए हम बस सेक्स टॉय हैं"

उत्तर कोरिया:
उत्तर कोरिया के शरणार्थियों और पूर्व अधिकारियों से बात करने पर पता चलता है कि वहां कितने बड़े पैमाने पर महिलाओं का यौन शोषण होता है और ऐसे मामलों की लगभग कहीं कोई सुनवाई नहीं है।
 
 
मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया में इस कदर महिलाओं का शोषण होने के बावजूद 2015 में सिर्फ पांच लोगों को बलात्कार का दोषी ठहराया गया। रिपोर्ट कहती है कि उत्तर कोरिया में अहम पदों पर बैठे अधिकारी नियमित तौर पर महिलाओं का यौन शोषण करते हैं और उनके खिलाफ कहीं कोई कदम नहीं उठाया जाता।
 
 
न्यूयॉर्क स्थित इस मानवाधिकार संस्था का कहना है कि दुनिया से अलग थलग पड़े उत्तर कोरिया में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा का यह स्तर है कि अब उसे 'सामान्य जिंदगी का हिस्सा मान कर स्वीकार' कर लिया गया है।
 
 
ह्यूमन राइट्स वॉच के कार्यकारी निदेशक केनेथ रॉथ कहते हैं, "उत्तर कोरिया में यौन हिंसा खुल्लमखुल्ला होती है और इस पर आम तौर पर ध्यान नहीं दिया जाता और उसे स्वीकार कर लिया गया है।"
 
 
वह कहते हैं, "अगर उत्तर कोरिया की महिलाओं को इंसाफ पाने का कोई तरीका पता हो तो वे भी मीटू कहेंगी, लेकिन किम जोंग उन की तानाशाही ने उनकी आवाजों को दबा रखा है।"
 
 
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट 54 उत्तर कोरियाई शरणार्थियों और आठ पूर्व अधिकारियों के साथ किए गए इंटरव्यू पर आधारित है। रिपोर्ट के मुताबिक, सत्ताधारी पार्टी में उच्च पदों पर बैठे लोग, जेलों में तैनात गार्ड, पुलिस, बाजार के अधिकारी, अभियोजक और सैनिक महिलाओं के साथ बलात्कार करते हैं और उन्हें उनके किए की लगभग कोई सजा नहीं मिलती।
 
 
सामाजिक कलंक या फिर खुद को निशाना बनाए जाने के डर के कारण बहुत ही कम महिलाएं अपने साथ हुई ज्यादतियों की बात सबके सामने लाती हैं। इतना ही नहीं, यौन हिंसा के बारे में रिपोर्ट करने पर उल्टे महिलाओं को ही सजा हो सकती है जिसमें पिटाई, हिरासत में रखना या फिर जबरन काम करवाना शामिल हो सकता है।
 
 
ज्यादातर यौन शोषण की घटनाएं तब होती हैं जब महिलाओं को हिरासत में रखा जाता है। पुलिस और सुरक्षा एजेंट ये सब करते है। प्राइवेट स्टोरों में काम करने वाली महिलाएं भी मार्केट निरीक्षकों और अन्य अधिकारियों का शिकार बनती हैं। एक पूर्व मार्केट ट्रेडर ने बताया, "वे हमें सिर्फ सेक्स टॉय समझते हैं। हम महिलाएं पुरुषों की दया पर निर्भर हैं।"
 
 
उत्तर कोरिया महिलाओं के खिलाफ हिंसा और शोषण को समस्या नहीं मानता। लैंगिंक समानता पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी को उत्तर कोरिया की तरफ से जो आंकड़े सौंपे गए हैं, उनमें कहा गया है कि 2015 में पूरे देश में सिर्फ पांच लोगों को बलात्कार का दोषी करार दिया गया।
 
 
एके/एमजे (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)
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