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Last Updated : शुक्रवार, 8 नवंबर 2019 (20:41 IST)

वकीलों की 'गुंडागर्दी' पर उठाया दिल्ली पुलिस रिटायर्ड गजटेड ऑफिसर एसोसिएशन ने सवाल

वकीलों की 'गुंडागर्दी' पर उठाया दिल्ली पुलिस रिटायर्ड गजटेड ऑफिसर एसोसिएशन ने सवाल - Lawyer police dispute
दिल्ली पुलिस रिटायर्ड गजटेड ऑफिसर एसोसिएशन ने पूछा कि हर जगह पुलिस ही दोषी क्यों? कहा कि पुलिस के सब्र को कमजोरी न समझा जाए।
 
दिल्ली में काले कोट बनाम खाकी वर्दी के बीच चल रहे दंगल में दिल्ली पुलिस रिटायर्ड गजटेड ऑफिसर एसोसिएशन ने भी छलांग लगा दी है। इसकी पुष्टि तब हुई, जब एसोसिएशन के अध्यक्ष पूर्व आईपीएस और प्रवर्तन निदेशालय सेवानिवृत्त निदेशक करनल सिंह ने दिल्ली के उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा।
पत्र में जिम्मेदारी वाले पदों पर मौजूद दोनों ही शख्सियतों से आग्रह किया गया है कि अब तक हाईकोर्ट में जो कुछ हुआ है, दिल्ली पुलिस उसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाने का विचार गंभीरता से करे।
 
दूसरी ओर गुरुवार को एसोसिएशन के सचिव और दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड सहायक पुलिस आयुक्त जयपाल सिंह ने आईएएनएस से कहा कि हमला खाकी पर और कानून पर, नहीं बल्कि केंद्र सरकार और संविधान पर हुआ है। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार की है। ऐसे में इसे सिर्फ हवलदार सिपाहियों के पीटे जाने तक ही सीमित रखकर कोई भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता।
 
वहीं एसोसिएशन के अध्यक्ष करनल सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि जो हुआ बुरा हुआ। लेकिन तीस हजारी कांड के बाद जो कुछ हो रहा है, वह और भी गलत है। अगर अदालतों में यह सब होगा, जो पुलिस कानून का पालन कराने के लिए बनी है, उसी के साथ ऐसा होगा तो फिर यह किसी भी नजर से ठीक नहीं है।
पत्र में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस और उपराज्यपाल दिल्ली हाईकोर्ट के बाद पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में लेकर क्यों नहीं जाते हैं? पुलिस को अपनी बात रखने के लिए तुरंत सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए ताकि सब कुछ एक ही के पक्ष में न होता रहे।
 
एसोसिएशन ने सवाल किया कि अदालत में जो कुछ हुआ, उसे कानून की नजर में क्या 'गुंडागर्दी' नहीं कहा या समझा जाना चाहिए? हर जगह पुलिस ही दोषी क्यों? सच्चाई जानने के लिए घटना वाले दिन का सामने आया सीसीटीवी फुटेज ही काफी है जिसमें साफ साफ दिखाई दे रहा है कि कौन क्या कर रहा है? एसोसिएशन ने आगे लिखा कि जब तक दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी, तब तक पुलिस वालों पर की जा चुकी कार्रवाई में कोई मदद नहीं मिलेगी।
गुरुवार को बात करते हुए एसोसिएशन के सचिव और दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी जयपाल सिंह ने आईएएनएस से कहा कि कानून और सरकार की रक्षा में पुलिस वालों ने तीस हजारी अदालत में जो कुछ किया और जिस सब्र से खुद पर सब झेल लिया, वह काबिले तारीफ था।
 
लेकिन इस सब्र को पुलिस की कमजोरी नहीं सब्र ही मानकर देखना होगा। अगर पुलिस भी उस दिन सब्र तोड़ देती तो हालात और भी बिगड़ सकते थे। लेकिन पुलिस ने उस दिन जिस समझदारी का परिचय दिया, उसी का परिणाम है कि तीस हजारी कांड का सीसीटीवी फुटेज देखकर कोई नहीं कह सकता है कि पुलिस ने कहीं कोई गलत काम किया।
 
जयपाल सिंह के मुताबिक, मुसीबत की इस घड़ी में दिल्ली पुलिस की रिटायर्ड गजटेड एसोसिएशन पूरी तरह से दिल्ली पुलिस के साथ थी, है और रहेगी। जरूरत पड़ने पर एसोसिएशन पुलिस की आर्थिक मदद करने से भी पीछे नहीं हटेगी। (फ़ाइल चित्र)
 
संजीव कुमार सिंह चौहान (आईएएनएस)
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