गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. indian american vivek ramaswamy launches us presidential bid
Written By DW
Last Modified: गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023 (08:21 IST)

विवेक रामास्वामी बने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नए दावेदार

विवेक रामास्वामी बने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नए दावेदार - indian american vivek ramaswamy launches us presidential bid
भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदारी की घोषणा कर दी है। नामांकन को जीतने के लिए उनकी टक्कर डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय मूल की ही निक्की हेली से होगी। 37 साल के बायोटेक उद्यमी और निवेशक रामास्वामी आप्रवासी भारतीय दम्पति के बेटे हैं और उनका जन्म अमेरिकी राज्य ओहायो में हुआ था। वो बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। कुछ सालों पहले उन्होंने एक बायोटेक कंपनी की स्थापना की थी और फिर एक हेज फंड में पार्टनर बन गए थे।
 
मंगलवार 21 फरवरी की रात जारी किए गए एक वीडियो में उन्होंने अपनी दावेदारी की घोषणा यह कहते हुए की कि अमेरिका में इस समय एक "राष्ट्रीय पहचान का संकट" खड़ा हो गया है जो एक वामपंथी विचारधारा द्वारा चलाया जा रहा है।
 
राजनीति में बाहरी
उन्होंने कहा कि इस विचारधारा ने "विश्वास, देशभक्ति और कड़ी मेहनत" की जगह "कोविडिस्म, क्लाइमेटिस्म और लैंगिक विचारधारा जैसे नए सेक्युलर धर्मों" को ला दिया है। रामास्वामी ने कहा, "हम अपनी विविधता और अपने अंतरों से इतने अभिभूत हो गए हैं कि हम यह भूल गए थे कि अमेरिकी नागरिक के रूप में कितने मायनों में हम एक जैसे ही हैं।"
 
वीडियो के साथ साथ वॉल स्ट्रीट जर्नल अखबार में छपे एक संपादकीय में उन्होंने लिखा कि अगर वो जीत गए तो वो अफर्मेटिव एक्शन को हटाने की कोशिश करेंगे। वो न्याय मंत्रालय को "अवैध नस्ल-आधारित प्राथमिकताओं" को हटा देने का भी आदेश देंगे।
 
रामास्वामी को राजनीति में एक बाहरी कहा जा रहा है। उन्हें 2021 में एक किताब के लेखक के रूप में ख्याति मिली थी, जिसका नाम था "वोक इंक: इनसाइड कॉर्पोरेट अमेरिकाज सोशल जस्टिस स्कैम।"
 
उन्होंने "नेशन ऑफ विक्टिम्स" नाम की किताब भी लिखी थी और कंजर्वेटिव घेरों में जिम्मेदार निवेश गतिविधियों को प्रोत्साहन देने वाले पर्यावरण संबंधी, सामजिक और कॉर्पोरेट गवर्नेंस आंदोलन की आलोचना की वजह से अपना दर्जा बढ़ाया।
 
कंजर्वेटिव गलियारों में लोकप्रिय
उनकी छोटी सी कंपनी ने शेवरॉन, ब्लैकरॉक, वॉल्ट डिज्नी और एप्पल जैसे दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में छोटे छोटे शेयर खरीदे और फिर उनसे इस तरह की नीतियों को रद्द करने की मांग की ताकि मुनाफे पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। इस तरह की नीतियों में विविधता का प्रोत्साहन, कार्बन उत्सर्जन को कम करना आदि शामिल हैं।
 
उनकी कंपनी स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट ने छह महीनों से भी कम में निवेशकों से 53 अरब रुपयों से भी ज्यादा धनराशि हासिल की। जिन कंपनियों पर स्ट्राइव ने दबाव डालने की कोशिश की थी उन पर उसका कितना असर पड़ा यह स्पष्ट नहीं है।
 
लेकिन रामास्वामी की बातों से वो कंजर्वेटिव राजनीतिक गलियारों में लोकप्रिय हो गए और उन्हें टीवी कार्यक्रमों में बोलने के लिए भी नियमित रूप से बुलाया जाने लगा। उनकी कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक अब वो कार्यकारी चेयरमैन के पद को छोड़ देंगे और अपनी दावेदारी पर काम करेंगे।
 
रिपब्लिकन पार्टी के अंदर पहले ही कई नेता 2024 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा कर चुके हैं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली के अलावा पूर्व उप-राष्ट्रपति माइक पेंस, फ्लोरिडा के राज्यपाल रॉन देसांतिस और साउथ कैरोलाइना के सांसद टिम स्कॉट शामिल हैं।
सीके/एए (रॉयटर्स, एपी)
 
 
 
ये भी पढ़ें
जब फरवरी में ये हाल हैं तो जून में क्या होगा?