एक और विवाद में फंसा भारत का अडाणी समूह
-चारु कार्तिकेय
Gautam Adani: भारत की विपक्षी पार्टियों ने एक बार फिर अडाणी समूह के खिलाफ अनियमितताओं के आरोपों की जांच की मांग की है। ब्रिटेन के अखबार 'फाइनेंशियल टाइम्स' ने दावा किया है कि अडाणी समूह ने गलत तरीके से कोयले के दाम बढ़ाए हैं। 12 अक्टूबर को फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बीते 2 सालों में अडाणी समूह ने 416 अरब रुपयों से भी ज्यादा मूल्य का कोयला, बाजार भाव से दोगुने भाव पर आयात किया।
रिपोर्ट के मुताबिक समूह ने ताइवान, दुबई और सिंगापुर स्थित कंपनियों के जरिये इस कोयले को बढ़े हुए दामों पर आयात किया। इनमें से कम से कम एक कंपनी ताइवान के एक ऐसे व्यापारी की है जिसे हाल ही में एफटी ने ही अडाणी समूह की कंपनियों में काफी बड़ी हिस्सेदारी वाला लेकिन छिपा हुआ शेयरधारक पाया था।
यात्रा में बढ़ गए दाम
एफटी ने इंडोनेशिया से भारत आयात किए गए कोयले की 30 शिपमेंट से जुड़े दस्तावेजों का भी निरीक्षण किया और पाया कि आयात के कागजों में जो दाम बताया गया था वो निर्यात के कागजों से कहीं ज्यादा था।
यानी यात्रा के दौरान इन सभी शिपमेंट में लदे कुल कोयले की कीमत में 5।8 अरब रुपयों से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हो गई। अखबार का कहना है कि यह जानकारी अडाणी समूह के खिलाफ लंबे समय से लग रहे आरोपों का समर्थन करती है कि समूह ईंधन के खर्च को बढ़ा चढ़ाकर दिखाता आया है।
एफटी की इस रिपोर्ट के आधार पर विपक्षी पार्टियों ने अडाणी समूह पर भारतीय उपभोक्ताओं के साथ धोखे का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि अडाणी समूह ने आम लोगों से बिजली के ज्यादा दाम वसूल कर उनके साथ 12,000 करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी की है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडाणी को बचा रहे हैं। दूसरी विपक्षी पार्टियों ने भी एफटी की इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार की आलोचना की है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने 13 अक्टूबर को 'एक्स' पर लिखा था कि एफटी की रिपोर्ट 'अडाणी के एक और बड़े घोटाले को सामने लाई है।'
सेबी को चाहिए मदद
अडाणी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है। एफटी की ही रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह ने इन आरोपों को 'पुराना' और 'आधारहीन' बताया है और कहा है कि 'सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों और जानकारी को चतुराई से रिसाइकिल किया गया है और गलत ढंग से पेश किया गया है।'
इस बीच भारतीय अखबार इकनॉमिक टाइम्स (ईटी) में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अडाणी समूह के खिलाफ हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच कर रही सेबी ने पत्रकारों के एक समूह से मदद मांगी है। पत्रकारों के समूह ओसीसीआरपी ने कुछ हफ्तों पहले एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सालों से अडाणी समूह के अरबों रुपयों के स्टॉक खरीदने और बेचने वाले 2 व्यक्तियों के अडाणी परिवार से करीबी रिश्ते हैं।
ईटी के मुताबिक सेबी ने इन दावों को साबित करने वाले दस्तावेज ओसीसीआरपी से मांगे हैं। रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि ओसीसीआरपी ने यह दस्तावेज सेबी को देने से मना कर दिया है।