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Last Modified: मंगलवार, 17 जुलाई 2018 (11:23 IST)

तेज गर्मी के खतरे में 1 अरब से ज्यादा लोग

तेज गर्मी के खतरे में 1 अरब से ज्यादा लोग | heat
दुनिया में एक अरब से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिनके पास ना तो खुद के लिए गर्मी से बचने का इंतजाम है ना ही खाने पीने की चीजों और दवाइयों को सुरक्षित रखने के लिए। दुनिया का ताप बढ़ने के साथ ऐसे लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है।
 
 
इन लोगों की फ्रिज और पंखा, कूलर जैसी चीजों के लिए बिजली की मांग आने वाले दिनों में और बढ़ेगी और इसके साथ ही दुनिया का तापमान भी खूब बढ़ेगा अगर बिजली पैदा करने के लिए जीवाश्म ईंधनों पर से निर्भरता घटाई नहीं गई।
 
 
ये बातें टिकाऊ ऊर्जा के लिए काम करने वाली एक गैरसरकारी संस्था की रिपोर्ट में कही गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 1।1 अरब लोग खतरे की चपेट में हैं। इनमें करीब 47 करोड़ गांव में रहते हैं और 63 करोड़ लोग शहरों की गरीब बस्तियों में। रिपोर्ट तैयार करने वाले ग्रुप की प्रमुख राशेल काइट ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ, "ठंडा करना ज्यादा से ज्यादा जरूरी होता जा रहा है।"
 
 
सर्वे में शामिल 52 देशों में सबसे ज्यादा खतरा भारत, चीन, मोजाम्बिक, सूडान, नाईजीरिया, ब्राजील, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और बांग्लादेश के लोगों के लिए बताया गया है। राशेल काइट का कहना है, "हमें बेहद कारगर तरीके से ठंडा करने की सुविधा देनी होगी।" कंपनियां किफायती तरीके से ठंडा करने वाली सुविधाएं विकसित कर उष्णकटिबंधीय देशों के मध्यवर्ग के बड़े बाजार में अपनी पहुंच बना सकती हैं। इसके साथ ही गर्मी से बचने के साधारण उपायों को अपनाने से भी मदद मिल सकती है, जैसे कि छत को सफेद रंग से रंगना ताकि सूरज की किरणें परावर्तित हो कर दूर हो जाए।
 
 
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ी गर्मी से दुनिया भर में 2030 से 2050 के बीच हर साल करीब 38,000 अतिरिक्त लोगों की मौत होगी। इस साल पाकिस्तान के कराची में मई के महीने में तापमान जब 40 डिग्री के ऊपर गया तो 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
 
 
उष्णकटिबंधीय देशों में लोगों के पास बिजली की कमी है, यहां तक कि क्लिनिकों में वैक्सीन और दवाइयां रखने के लिए भी फ्रिज का इंतजाम नहीं हो पाता। यही हाल शहरों में गरीब बस्तियों का है जहां बिजली अक्सर कटती रहती है।
 
 
बहुत से किसान और मछुआरे भी कोल्ड स्टोरेज का इंतजाम नहीं होने के कारण खाने पीने की चीजों को सुरक्षित नहीं रख पाते। ताजा मछली अगर 30 डिग्री तापमान में भी रहे तो कुछ ही घंटे में खराब हो जाएगी लेकिन अगर फ्रिज में रखी जाए तो कई दिनों तक ताजा बनी रहती है।
 
 
पिछले हफ्ते ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया कि 2050 तक ठंडा करने वाले उपकरणों की संख्या चार गुना बढ़ कर करीब 14 अरब हो जाएगी। इसके कारण बिजली का उपयोग आज की तुलना में कई गुना बढ़ जाएगा।
 
 
एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)