ऑस्ट्रेलिया फरवरी में बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का कूटनीतिक बहिष्कार करेगा। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को खेलों में भाग लेने से रोका नहीं गया है, लेकिन खिलाड़ियों के साथ कोई भी अधिकारी नहीं जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इस फैसले की घोषणा की है। ऑस्ट्रेलिया ने यह कदम चीन के साथ कई मुद्दों पर "असहमति" की वजह से उठाया। इन मुद्दों की वजह से चीन-ऑस्ट्रेलिया रिश्तों पर 1989 की तियानानमेन स्क्वायर घटना के बाद से सबसे गंभीर संकट आ पड़ा है।
मॉरिसन ने चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया के साथ मंत्री स्तर पर संपर्क रोक देने का भी हवाला दिया। बहिष्कार की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया अपने हितों की रक्षा करने के लिए हमेशा मजबूती से खड़ा रहा है और इस बार भी हम अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे।"
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत
इसके एक ही दिन पहले अमेरिका ने भी खेलों के कूटनीतिक बहिष्कार की घोषणा की थी। अमेरिका ने कहा था कि यह फैसला शिनजियांग में चीन द्वारा उइगुर अल्पसंख्यकों के "नरसंहार" और मानवाधिकारों के उल्लंघन के दूसरे मामलों की वजह से लिया गया है।
इसके बाद चीन ने भी चेतावनी दी थी अमेरिका को इसकी "कीमत चुकानी पड़ेगी।" ऑस्ट्रेलिया के फैसले के प्रति चीन की प्रतिक्रिया थोड़ी नरम थी। कैनबेरा में चीन के दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह "चीन-ऑस्ट्रेलिया रिश्तों को बेहतर बनाने के ऑस्ट्रेलिया के सार्वजनिक रूप से घोषित अपेक्षा के विपरीत है।"
लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कदम का स्वागत किया। ह्यूमन राइट्स वॉच चीन की निदेशक सोफी रिचर्डसन ने इसे "उइगरों और दूसरे तुर्की समुदायों को निशाना बनाने के चीनी सरकार के मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों को चुनौती देने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।"
खिलाड़ी जाएंगे, अधिकारी नहीं
मॉरिसन ने कहा कि उनका देश चीन के साथ बातचीत करने के लिए "हमेशा तैयार रहा है" लेकिन बात करने के प्रयासों को अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा, "ऑस्ट्रेलिया में खेल कूद की महान परंपरा है और मैं खेलों और राजनीति को अलग रखता हूं। ये मुद्दे दो सरकारों के बीच में हैं और मैं चाहूंगा कि इनका समाधान हो।"
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने संकेत दिया कि खेलों में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का स्वागत है और उनके "उत्कृष्ट प्रदर्शन" की कामना की।
प्रवक्ता ने कहा कि खेलों में "ऑस्ट्रेलिया की सफलता देश के खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है ना कि ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों की मौजूदगी और कुछ ऑस्ट्रेलियाई राजनेताओं के राजनीतिक दिखावे पर।" ऑस्ट्रेलियाई ओलंपिक समिति (एओसी) ने कहा कि इससे टीम की तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
समिति के मुख्य कार्यकारी मैट कैरल ने कहा कि समिति कोविड के माहौल की पेचीदगियों को देखते हुए यह सुनिश्चित करने पर ज्यादा ध्यान दे रही है कि खिलाड़ी सुरक्षित रूप से चीन जा सकें, वहां खेल सकें और वापस आ सकें। बीजिंग खेल चार फरवरी को शुरू होंगे और उनमें करीब 40 ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है।
सीके/एए (एएफपी)