लखनऊ सुपर जाइंट्स (LSG) के मालिक संजीव गोयनका ने केएल राहुल के टीम में भविष्य को लेकर अटकलों के बीच उन्हें फ्रेंचाइजी का अभिन्न अंग बताया लेकिन अगले आईपीएल सत्र के लिए खिलाड़ियों को रिटेन (टीम में बरकरार रखना) करने और कप्तानी पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ करारी हार के बाद राहुल के साथ गोयनका की बहस पिछले सत्र में आईपीएल के चर्चा के केंद्रों में से एक थी।
सोमवार को राहुल ने कोलकाता में टीम के मालिक से मुलाकात की और टीम में बने रहने की इच्छा व्यक्त की। महीनों पहले दोनों के बीच चर्चा का वीडियो सामने आने के बाद अटकलें तेज हो गई थीं कि क्या यह बल्लेबाज फ्रेंचाइजी में बरकरार रहना चाहेगा?
जहीर को टीम के मेंटर (मार्गदर्शक) के रूप में पेश करते हुए गोयनका ने पत्रकारों से कहा, देखिए, मैं पिछले तीन वर्षों से केएल से नियमित रूप से मिल रहा हूं। मुझे आश्चर्य है कि इस बैठक को इतनी अधिक सुर्खियां मिली। जैसा कि मैंने कहा है कि हमने रिटेंशन नियम जारी होने तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
उन्होंने कहा, लेकिन केएल शुरू से ही एलएसजी परिवार का अभिन्न और महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह परिवार की तरह हैं और परिवार ही रहेंगे।
खिलाड़ियों को रिटेन करने और कप्तानी के बारे में पूछे जाने पर गोयनका ने कहा कि वे अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं और बीसीसीआई द्वारा रिटेंशन के नियम जारी किए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमारे पास इस पर निर्णय लेने के लिए सितंबर, अक्टूबर और नवंबर का पूरा समय है। नीतियों को सामने आने दें। हमने आगे की टीम के बारे में भी नहीं सोचा है, रिटेंशन तीन-चार-पांच या छह खिलाड़ियो का होगा, हमें कोई जानकारी नहीं है।
गोयनका ने कहा, इसके लिए अभी काफी समय है इसलिए यह जल्दबाजी होगी। पहले बीसीसीआई को नीति की घोषणा करने दीजिए, फिर इस पर चर्चा होगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या वे नए मेंटर जहीर के नेतृत्व में आमूलचूल बदलाव करने वाले हैं, गोयनका ने कहा, आप हमेशा सुधार करने की कोशिश करते हैं और यह एक निरंतर प्रयास है। जब आपके पास बड़ी नीलामी होती है, तो रीसेट होना तय है, लेकिन आप जितना संभव हो सके कोर खिलाड़ियों को बनाए रखना चाहते हैं। देखते हैं यह कैसे होता है।
उन्होंने कहा, कोई नहीं जानता कि क्या होगा। निश्चित रूप से कोच (जस्टिन लैंगर) बरकरार रहेंगे, लांस क्लूसनर (सहायक कोच), जोंटी रोड्स (क्षेत्ररक्षण कोच) भी बरकरार रहेंगे। हम मोर्ने मोर्कल और गौतम गंभीर के लिए खुश हैं, बहुत खुश हैं कि वे राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन गए हैं।
एलएसजी पहले दो सत्र में राहुल के नेतृत्व में प्लेऑफ में पहुंचा लेकिन व्यापक रूप से यह माना जाता है कि गंभीर की रणनीतिक दक्षता ने इसमें अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह तीसरे सत्र में पूरी तरह से उजागर हुआ जब गंभीर के जाने के बाद टीम शीर्ष चार में जगह बनाने में विफल रही।
(भाषा)